उत्तर प्रदेश के बिजनौर में दो स्कूल ऐसे भी हैं जहां छात्र छात्राओं की संख्या केवल छह ही है। यहां तक कि इन्हें शिक्षक ही अपने साथ बाइक पर लाते हैं और फिर घर छोड़कर आते हैं। कई साल से स्टूडेंट्स की संख्या 10 तक भी नहीं पहुंच पाई है।
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में अफजलगढ़ स्थित दो स्कूल ऐसे हैं कि यहां कई साल से पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं की संख्या दहाई भी पार नहीं कर पाई है। यहां ग्राम खैरूल्लापुर के प्राथमिक विद्यालय एवं नवाबाद स्थित प्राथमिक विद्यालय में पिछले कई वर्षों से छात्र-छात्राओं की संख्या 10 तक भी नहीं पहुंची है। दोनों विद्यालयों में छह छह छात्र-छात्राएं ही पंजीकृत हैं।
विद्यालय संचालित कराने के लिए पास के गांव से शिक्षक ही छात्रों को बाइक पर लाते व घर पहुंचाते है। ऐसा नहीं ब्लाक व जिला स्तर के अधिकारियों की इसकी स्थिति का पता नहीं है। समय समय पर अधिकारी विद्यालयों का निरीक्षण करने आते हैं। अभी तक इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ाने पर विशेष जोर नहीं दिया गया है।
कक्षा एक में नहीं किसी छात्र का प्रवेश गांव खैरूल्लापुर के प्राथमिक विद्यालय में करीब बारह वर्षों से दो या तीन छात्र-छात्राएं शिक्षारत थे। वर्तमान में पांच कक्षाओं में सात ही पढ़ रहे है। स्कूल में काफी समय से दो अध्यापक ओर एक शिक्षा मित्र तैनात है। इस स्कूल में करीब 13 वर्षों से छात्रों की कमी है। विद्यालय में कक्षा दो, चार व पांच में 2-2 तथा कक्षा 3 में एक, कक्षा एक में कोई भी छात्र नहीं है।
दो शिक्षक दो शिक्षामित्र, छात्र छहगांव नवाबाद स्थित प्राथमिक विद्यालय में छात्र-छात्राओं छह ही हो पाई। पहले इससे भी कम रही। विद्यालय में एक मुख्य अध्यापक, एक सहायक अध्यापक व दो शिक्षामित्र तैनात है। संख्या कम होने पर शिक्षक छात्रों को बाइक से लेकर आते हैं।
बोले अधिकारीखंड शिक्षा अधिकारी अजय गौतम ने बताया कि जनपद स्तर से समायोजन की कार्रवाई शुरू की जा रही है। छात्रों की संख्या बढ़ाने पर पूरा जोर दिया जा रहा है।
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