लखनऊ। प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में महिला सभा व बाल सभा का गठन किया जा रहा है। गांव के बच्चे मंत्री व उप मंत्री बनाए जा रहे हैं। पंचायती राज निदेशालय की अगुवाई में यह अभियान शुरू किया गया है।
इन निर्देशों में कहा गया है कि त्रि-स्तरीय पंचायतों की विकास योजनाओं के लिए निर्माण प्रक्रिया में महिलाओं तथा बच्चों की सहभागिता सुनिश्चत की जाए। महिला व बाल सभा में पारित प्रस्तावों पर ग्राम सभा की बैठकों में चर्चा की जाएगी और उन पर अमल भी किया जाएगा। इस बारे मेंअपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से सभी मण्डलायुक्तों और डीएम को एक पत्र जारी किया गया है।
● गरीबी मुक्त एवं आजीविका उन्नत गांव
● स्वस्थ गांव
● बाल हितैषी गांव
● पर्याप्त जल युक्त गांव
● स्वच्छ और हरा-भरा गांव
● आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गांव
● सामाजिक रूप से सुरक्षित और न्याससंगत गांव
● सुशासन वाला गांव
● महिला हितैषी गांव
● ग्राम पंचायत में 11 से 18 साल की उम्र तक के बच्चों में से प्रत्येक वार्ड से दो बाल सदस्य चुने जाएंगे।
● सभी नामित बच्चों द्वारा एक बाल सभा अध्यक्ष व एक उपाध्यक्ष चुना जाएगा। दोनों पदों में एक बालक व एक बालिका का होना जरूरी।
● बाल सभा के सात मंत्रालय होंगे। शिक्षा मंत्री व उप मंत्री, सुरक्षा मंत्री व उप मंत्री, खेलकूद मंत्री व उप मंत्री, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता मंत्री व उप मंत्री, खाद्य मंत्री व उप मंत्री, योजना मंत्री व उप मंत्री, संचार मंत्री व उप मंत्री।
महिला सभा
● ग्राम सभा की 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र की सभी महिलाएं, महिला सभा की सदस्य होंगी।
● सभा संबंधी अभिलेख/प्रस्ताव तैयार करने और आयोजन की जिम्मेदारी प्रधान व पंचायत सचिव की होगी।
● हर साल कम से कम से दो ग्राम सभा की बैठकों से पहले दो महिला सभा और इसके अलावा दो अर्थात कुल चार महिला सभा के आयोजन अनिवार्य