शिक्षकों की सुविधा जरूरी.. चाहे पढ़ाई न हो पूरी

श्रीनगर। शिक्षा विभाग के कारनामे भी गजब हैं। विकास खंड खिर्स् में बच्चों की पढ़ाई दांव पर लगाकर शिक्षिकाओं को मनचाही तैनाती दी जा रही है। जिन स्कूलों में ज्यादा छात्र संख्या है, वहां से शिक्षिकाओं को कम छात्र संख्या वाले उनके मनचाहे स्कूल में संबद्ध किया जा रहा है इस संबद्धीकरण को कार्ययोजित नाम दिया गया है। 






खिर्स्-खेड़ाखाल मोटर मार्ग पर स्थित प्राथमिक विद्यालय पोखरी से शिक्षिका को अन्यत्र संबद्ध करते हुए ना तो बच्चों की पढ़ाई के बारे में सोचा गया और ना हो दिव्यांग प्रधानाध्यापिका के बारे में मई 2022 तक यहां दो शिक्षक थे सहायक अध्यापक के तबादले के बाद प्रधानाध्यापिका ही रह गई। शिक्षा विभाग ने यहां एक शिक्षिका को भेजा, लेकिन वह 21 सितंबर से 11 नंवबर तक ही कार्यरत रहीं। इसके बाद उन्होंने अपना संबद्धीकरण पीएस नवाखाल करा दिया। अब नवाखाल में सात बच्चों पर दो शिक्षिकाएं तैनात हैं, जबकि पोखरी में 16 बच्चों में मात्र एक दिव्यांग प्रधानाध्यापिका है।



ग्राम प्रधान पोखरी एमपी बहुगुणा बताते हैं उनके विद्यालय में 16 बच्चे हैं। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को पैरों की वजह से चलने-फिरने में दिक्कत होती है। विभाग की मनमानी से बच्चों को पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है।