प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिव्यांग अभ्यर्थी को पीसीएसजे की परीक्षा में शामिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि उनका रिजल्ट जारी न किया जाए तथा उनका परिणाम इस याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। चंद्रकांत पांडे व दो अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ की खंडपीठ ने
दिया। याची का कहना था कि उनका प्रकरण इससे पूर्व में पारित याचिका के निर्णय से पूरी तरह से आच्छादित है। इस पर कोर्ट ने इस याचिका को उक्त याचिका के साथ संबंध करते हुए लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश , राज्य सरकार व अन्य पक्षकारों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा है कि जब कभी भी पीसीएस जे की परीक्षा होती है याची संख्या 3 को जोकि एक हाथ और एक पैर नहीं होने के कारण दिव्यांग अभ्यर्थी की श्रेणी में आता है को परीक्षा में शामिल किया जाए मगर उसका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। तथा उसका परिणाम इस याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।
दिया। याची का कहना था कि उनका प्रकरण इससे पूर्व में पारित याचिका के निर्णय से पूरी तरह से आच्छादित है। इस पर कोर्ट ने इस याचिका को उक्त याचिका के साथ संबंध करते हुए लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश , राज्य सरकार व अन्य पक्षकारों को जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए कहा है कि जब कभी भी पीसीएस जे की परीक्षा होती है याची संख्या 3 को जोकि एक हाथ और एक पैर नहीं होने के कारण दिव्यांग अभ्यर्थी की श्रेणी में आता है को परीक्षा में शामिल किया जाए मगर उसका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा। तथा उसका परिणाम इस याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।