बरेली। आय से अधिक संपत्ति के मामले में फरार चल रहे शिक्षा विभाग के बाबू भूपेंद्रपाल सिंह ने शुक्रवार को एंटी करप्शन कोर्ट में चुपचाप आत्मसमर्पण कर दिया। अब बारादरी पुलिस या एंटी करप्शन टीम उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।
वरिष्ठ लिपिक भूपेंद्र पाल सिंह काफी समय पहले बीएसए दफ्तर में तैनात था। उन दिनों उसके खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतें दर्ज हुईं। अखिल भारतीय भ्रष्टाचार एवं शोषण निवारण समिति के वीके गुप्ता ने 22 अप्रैल, 2012 को इसकी शासन में शिकायत की। भूपेंद्रपाल सिंह को बामसेफ का मंडलीय उपाध्यक्ष बताया गया। शिकायत की कि उसके पास आय से कई गुना ज्यादा संपत्ति है।
जांच के लिए मामला एंटी करप्शन को सौंपा गया। इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिंह ने बारादरी थाने में भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। फिर भूपेंद्र का डीआईओएस दफ्तर में तबादला कर दिया गया। भूपेंद्र सिंह की वार्षिक आय से खर्च की रकम 5,24,677 रुपये अधिक मिली थी। जवाब में भूपेंद्र ज्यादा कमाई का सही ब्योरा नहीं दे सका। बताते हैं कि विभाग ने भूपेंद्र को जीजीआईसी से संबद्ध कर दिया। आरोप सही पाने पर चार्जशीट दाखिल की गई थी। तभी से भूपेंद्र पाल सिंह फरार था। हाईकोर्ट से जमानत न मिलने पर उसने आत्मसमर्पण कर दिया।