गुरुजी बने एआरपी तो अपने ही साथियों से मांगने लगे घूस, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा ने शुरू की जांच


परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षकों के बीच से ही एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) बनाए गए अध्यापक अब उनसे घूस मांग रहे हैं। कभी खुद अनुपस्थित होने या अन्य कारणों से घूस मांगे जाने से प्रताड़ित हुए ये शिक्षक अधिकारी बनते ही सब कुछ भूल गए। अब ये अपने ही साथियों से अनुचित मांग कर रहे हैं। विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से शिक्षकों से लिए गए फीडबैक में यह जानकारी सामने आई है। पूरे प्रदेश से ऐसे 35 एआरपी के खिलाफ कई तरह की शिकायतें की गई हैं।


महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से जिन एआरपी के खिलाफ शिक्षकों ने शिकायत की है, उनकी गोपनीय जांच शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच में आरोप सही पाए जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच शिक्षकों को एआरपी बनाया गया है। इन एआरपी का कार्य हर महीने अपने ब्लाक के 20 स्कूलों का दौरा कर शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करना है। हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान व सामाजिक विज्ञान विषय पढ़ाने में आ रही दिक्कतों का समाधान करना भी इन्हीं के जिम्मे है । शिक्षकों की मदद के लिए भेजे गए ये एआरपी अब उन्हें प्रताड़ित करने लगे हैं।

झांसी के बबीना और ललितपुर के बार ब्लाक के एआरपी की शिक्षकों ने कई शिकायतें की हैं। ऐसी ही शिकायतें लगभग सभी जिलों से आ रही हैं। विद्या समीक्षा केंद्र की टीम के माध्यम से महीने भर में लगभग सभी परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों से फीडबैक लिया गया है।