सब लोग पूछते हैं कि क्या होगा ?
फ़िलहाल दो मुद्दे हैं एक तो RTI और एक शासन का ख़ुद का आदेश जिसमें शासन BSA से पदों का ब्यौरा माँगता है कि पदोन्नत्ति के लिए आप अपने जिले में ख़ाली पदों का विवरण दीजिये।
शुरू से मैं गौतमबुद्ध नगर को बेस बनकर चला क्योंकि जानता था मैं कि ये सरकार भरपूर नाटक करेगी तो उसी क्रम में आज तक दो आदेश हुए हैं उसमें भी गौतमबुद्ध नगर को ही पकड़कर चल रहा हूँ कि ये ख़ुद के कहे को झूठ बताये फिर देखेंगे कि करना क्या है केस को strategically लड़ा जाता है ये नही कि बस मुँह उठाया और चल दिये इसलिए नियमित तौर पर आपको RTI डालने के लिये कहा मैंने।
RTI चलो ठीक है withdraw कर लिये लेकिन अब अपने शासनादेश को कैसे withdraw कर सकते हो?
सभी जानते हैं उसी शासनादेश पर पदोन्नत्ति की प्रक्रिया गतिमान है तो ये लोग फँस गए हैं अब या तो पदोन्नत्ति का नाटक बंद करो या जो जिले शून्य दिखाये थे वहाँ पदोन्नत्ति न की जाए। अगर ये अपने शासनादेश से खिलवाड़ करते हैं तो फिर पदोन्नत्ति फँस जाएगी और hypothetically ये कह देते हैं कि वाक़ई ग़लत जानकारी दी गई थी तो फिर उन जिलों में पदोन्नत्ति नहीं होगी।
GB nagar डेटा analysis :-
इन्होंने 03.01.2023 को समस्त BSA से पत्रव्यवहार किया रिक्त पदों के लिए और गौतमबुद्ध नगर के BSA ने 16.01.2023 को रिक्तियों का विवरण दिया । उसके बाद न तो भर्ती हुई और न ही कोई पदोन्नत्ति तो अब ये बतायें कि ये पद ज़मीन खा गई या आसमान निगल गया।
ये फँस चुके हैं बस कोर्ट को ठीक से stand करवाकर ले जाना हमारी ज़िम्मेदारी है ।
कहना अतिशयोक्ति नही होगी ऐसे आदेश जो विजेता की याचिका में लगातार हो रहे हैं इलाहाबाद की किसी भी याचिका में नहीं हुए हैं, मैं किसी को ग़लत नहीं कह रहा हूँ लेकिन वहाँ की याचिकाओं में झूठ के अलावा कुछ नही है हक़ीक़त में केस को लड़ने का तरीक़ा उनके पास है ही नही बस उनका motive क्या है ये आप जानते हीं हैं ख़ैर उनका उन पर छोड़ो लेकिन वहाँ की याचिका infructous ही मान लीजिए, उनके साथ जुड़े लोग उनसे पूछें कि याचिकाओं में ऐसे आदेश क्यों नहीं हो रहे हैं जैसे लखनऊ में हो रहे हैं। झूठे सपने मैं भी दिखा सकता हूँ लेकिन कभी ऐसी आदत नही रही मेरी फिर भी प्रयास करता हूँ कि जो लोग मुझसे जुड़े हैं उनका भला हो और कोर्ट में बार बार इसी स्टैंड को रखना है मुझे।
धन्यवाद
#rana