103 शिक्षकों ने दायित्वों से दिया सामूहिक इस्तीफा, बीएसए पर वेतन वृद्धि रोकने और रिकवरी कराने की धमकी देने का लगाया आरोप


प्रयागराज। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) प्रवीण कुमार तिवारी पर अभद्रता करने के आरोप लगाते हुए सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से जुड़े सभी 103 शिक्षकों (एसआरजी व एआरपी) ने दायित्वों से सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इनसे वायरल हुई बातचीत में बीएसए कह रहे हैं कि 40 लाख रुपये की रिकवरी किए बगैर इन्हें एआरपी से नहीं छोड़ेंगे। वहीं, बीएसए का कहना है कि उन्हें अभी किसी का इस्तीफा नहीं मिला है।

बीएसए को भेजे सामूहिक त्यागपत्र में एसआरजी और एआरपी ने कहा है कि उनके ही प्रयासों की बदौलत प्रदेश में टॉप 10 जिलों में प्रयागराज शामिल हुआ है। बावजूद इसके बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ऑनलाइन और ऑफलाइन बैठकों में कभी पूरी एआरजी टीम को तो कभी व्यक्तिगत रूप से अपशब्दों का प्रयोग करते हैं। इससे शिक्षकों की मान मर्यादा धूमिल होती है। वेतन की रिकवरी कराने और बीते चार वर्षों की स्थायी वेतन वृद्धि रोकने जैसी दंडात्मक कार्रवाई की भी धमकी दे रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसए के व्यवहार से सभी का मनोबल क्षीण होता जा रहा है। इससे पूरी एआरटी टीम की क्षमता प्रभावित हो रही है। इसे देखते हुए पूरी टीम त्यागपत्र दे रही है। साथ ही सभी एआरजी सदस्य अपने मोबाइल फोन से प्रेरणा सपोर्टिव सुपरविजन एप भी लॉगआउट हो रहे हैं।





योजनाओं का संचालन करते हैं एसआरजी-एआरपी

सरकार की योजनाओं का संचालन कराने के लिए शिक्षकों को ही एसआरजी (स्टेट रिसोर्स ग्रुप मेंबर) और एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) बनाया गया है। यही शिक्षकों को नवाचार का प्रशिक्षण देते हैं। एप के जरिए योजनाओं की मॉनिटरिंग भी करते हैं। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त वेतन भी दिया जाता है। इनके इस्तीफे से योजनाओं का संचालन लड़खड़ा सकता है।

बीएसए की वार्ता का ऑडियो वायरल

सामूहिक इस्तीफे के बाद बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी का एक ऑडियो भी वायरल हो गया, जिसमें बीएसए यह कहते हुए सुनाई दे रहे है कि वह सरकारी काम को लेकर रात में तीन बजे सोते हैं। सुबह नौ बजे फिर कार्यालय पहुंच जाते हैं। अगर सामूहिक त्यागपत्र देकर यह लोग विद्यालयों में चले जाएंगे तो यह नहीं होने देंगे। जब तक इनसे 40 लाख रुपये की रिकवरी नहीं कर लेते, इन्हें एआरपी से नहीं छोंड़ेगे। इसके लिए विधि सम्मत आदेश जारी होगा। इन सभी को चाय-नाश्ता से लेकर पार्टी तक अपने वेतन से दी है लेकिन इन लोगों ने हमारे साथ विश्वासघात किया है।

अभी तक हमारे पास कोई त्यागपत्र नहीं आया है। कुछ लोगों से बात हुई है, जिन्होंने इस प्रकरण में शामिल होने से इन्कार किया है। इस्तीफा सिर्फ वाट्सएप पर ही वायरल किया जा रहा है। बातचीत का वायरल वीडियो मेरा ही है। - प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए