तय समय में नहीं हो सकी शिक्षकों की बर्खास्तगी


सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिले के तदर्थ शिक्षकों की तय समय में बर्खास्तगी नहीं हो सकी है। वहीं, एक महीना बीतने के बावजूद भी चार विद्यालयों की ओर से तदर्थ शिक्षकों की उपस्थिति व सूची नहीं दी गई है।


विगत 26 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से तदर्थ शिक्षकों का वेतन भुगतान कर सेवामुक्त करने के आदेश दिए थे। जिसके अनुपालन में नौ नवंबर को अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) की ओर से पत्र जारी कर एक महीने में वेतन भुगतान कर कार्रवाई पूरी करने के लिए कहा था। शनिवार को एक महीना बीतने के बावजूद भी विद्यालय स्तर से तदर्थ शिक्षकों की उपस्थिति व सूची जिला विद्यालय निरीक्षक को नहीं सौंपी गई है।

शासन स्तर से एक बार फिर सख्ती दिखाई गई है। शनिवार को तदर्थ शिक्षकों पर कार्रवाई के लिए उनके वेतन समेत अन्य देय लाभ देने के लिए लेखा विभाग छुट्टी के बावजूद भी खोला गया। अधिकारियों ने बताया कि गोंडा सदर व करनैलगंज के तीन-तीन के अलावा जिले के कुल 21 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में तदर्थ शिक्षक तैनात किए गए थे। सबसे ज्यादा तरबगंज व मनकापुर में तैनाती दी गई थी। वहीं, दो विद्यालयों में तैनात तदर्थ शिक्षकों को वेतन भुगतान किया जा चुका है।



113 शिक्षकों पर होनी है कार्रवाई

उपस्थिति सत्यापन के साथ ही तदर्थ विद्यालयों की सूची तैयार की जा रही है। ऐसे में सात अगस्त 1993 से 2000 के बीच कुल 17 शिक्षक विनियमित नहीं हैं। इसके अलावा 2000 के बाद 96 पर कार्रवाई की जानी है।



आठ शिक्षकों की अलग से जाएगी रिपोर्ट

जिला विद्यालय निरीक्षक के सत्यापन में सामने आया कि 1993 से पहले के आठ तदर्थ शिक्षक शामिल हैं। जो विनियमित नहीं हैं, बावजूद इसके आदेश की जद में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में इन शिक्षकों की अलग से रिपोर्ट दी जाएगी। वहीं तीन प्रकरण में पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। जिसका प्रबंधन से मुकदमा चल रहा है।





वेतन भुगतान के लिए मांगा गया 20 करोड़ रुपये

चार विद्यालयों से तदर्थ शिक्षकों की उपस्थिति व सूची नहीं मिल सकी है। 17 विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन भुगतान के लिए प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 20 करोड़ रुपये मांगा गया है। मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा। जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।