हजारों छात्रों के ब्लड ग्रुप की जानकारी ही नहीं, बिना तैयारी फरमान जारी किया

 

ग्रेटर नोएडा,  । जिले के परिषदीय विद्यालयों में यू-डायस पोर्टल पर विद्यार्थियों के फॉर्म भरना मुसीबत बन गया है। फॉर्म में विद्यार्थियों का ब्लड ग्रुप अंकित करना अनिवार्य है। ज्यादातर छात्रों को ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी ही नहीं है। इस मामले में अभिभावक भी सहयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं, स्कूल स्तर पर ब्लड ग्रुप की जांच के लिए शिविर लगाने तक की कवायद शुरू नहीं हुई है।

जिले के 511 परिषदीय विद्यालयों में 87 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। यू-डायस पोर्टल पर प्रत्येक विद्यार्थी का ऑनलाइन डाटा फीड होना है। इस फार्म में करीब 35 से 40 पेज हैं। इसमें हरेक पहलू की जानकारी देना अनिवार्य है। स्कूल के प्रोफाइल में बिल्डिंग, कमरे, पानी से लेकर प्रत्येक सुविधा की जानकारी देनी है। विद्यार्थियों के प्रोफाइल में बच्चे का नाम, पिता का नाम, पता, कक्षा सहित बच्चे का वजन, लंबाई और ब्लड ग्रुप भरना अनिवार्य है। ब्लड ग्रुप के स्थान पर एनए (नॉट एप्लीकेबल) भरने पर फार्म स्वीकार्य नहीं होता है।




एक ऑप्शन टेस्टिंग प्रक्रिया जारी का भी है, लेकिन किसी की जांच शुरू न होने के कारण शिक्षक उसे भर नहीं पा रहे हैं। ऐसे में विद्यार्थियों का डाटा ऑनलाइन फीड नहीं हो पा रहा है। इससे उन्हें स्कूल स्तर पर चलने वाली योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा। शिक्षक लगातार अभिभावकों से मिलकर बच्चों के ब्लड ग्रुप की जांच कराने के लिए कह रहे हैं। हालांकि, ज्यादातर अभिभावक पैसा न होने की बात कहकर सहयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की मदद से शिविर लगाने के लिए भी अभी तक कोई पहल नहीं हुई है।


स्वास्थ्य कार्ड पर रहेगी नजर : अधिकारियों के मुताबिक फार्म में वजन, लंबाई और ब्लड ग्रुप की जानकारी जरूरी है। इससे बच्चों के स्वास्थ्य पर नरज रखी जा सकेगी। परिषदीय विद्यालयों में अधिकांश गरीब वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं, इन बच्चों में कुपोषण समेत लंबाई न बढ़ने तथा खून की कमी इत्यादि की समस्या मिलती है। इस डाटा से कुपोषित बच्चों की पहचान आसानी से हो सकेगी। खून की जांच से बीमारियों का भी पता चल सकेगा।



बिना तैयारी फरमान जारी किया


प्राथमिक शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष मेघराज भाटी ने बताया कि बिना किसी तैयारी यू-डायस पोर्टल पर डाटा अपलोड करने का फरमान जारी कर दिया गया। उन्होंने बताया कि तुगलपुर उच्च प्राथमिक स्कूल में 700 से अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से अभी तक सिर्फ दो विद्यार्थियों के ब्लड ग्रुप की जानकारी मिल पाई है। बच्चों के ब्लड ग्रुप की जांच के लिए विभाग को पहल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें आईएमए, स्वास्थ्य विभाग से सहायता ली जा सकती है। स्कूलों में कैंप लगाकर बच्चों के ब्लड ग्रुप की जांच आसानी से हो सकती है। तुगलपुर उच्च प्राथमिक स्कूल में शिविर लगाने के लिए शिक्षक सीएचसी दाढ़ा के डॉक्टरों की मदद से शिविर लगाने के प्रयास में जुटे हैं।