स्थानांतरण नीति: चार वर्ष से जिले में जमे अफसर हटेंगे, चुनाव इयूटी में अफसरों को देना होगा घोषणा पत्र

 

केंद्रीय चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा के मद्देनजर अपनी नई स्थानांतरण, तैनाती नीति जारी कर दी है। इसके तहत 30 जून 2024 तक एक ही जिले में तीन साल की कार्यावधि पूरी करने वाले या फिर चार साल से तैनात अधिकारियों को जिलों से हटा दिया जाएगा। यह नीति लोकसभा चुनावों के अलावा चार राज्यों आश्श्र प्रदेश, अरुणांचल प्रदेश, ओड़िशा व सिक्किम में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी लागू होगी। इस नीति के अनुसार चुनाव प्रक्रिया से सीधे जुड़े सभी अधिकारी जो एक ही जिले में चार साल की कार्यावधिक पूरी कर चुके हैं या फिर आगामी 30 जून 2024 को एक ही जिले में तीन साल की कार्यावधि पूरी करने वाले हैं, उनका स्थानांतरण किया जाएगा। इस तीन साल की कार्यावधि के दौरान अगर उनका प्रमोशन भी हुआ है तो वह भी उस कार्यावधि में गिना जाएगा। यह नई नीति केन्द्रीय चुनाव आयोग के वरिष्ठ प्रमुख सचिव नरेन्द्र एन.बटोलिया की ओर से जारी की गई है। केन्द्रीय चुनाव आयोग के यह निर्देश सिर्फ उन अधिकारियों पर ही लागू नहीं होंगे जो खासतौर पर चुनाव ड्यूटी में लगाए जाएंगे । यह निर्देश नगर निगमों और विकास प्राधिकरणों में तैनात अधिकारियों पर भी लागू किए जाएंगे। चुनाव आयोग के यह निर्देश पुलिस विभाग में एडीजी, आईजी, डीआईजी, राज्यसशख पुलिस बल के कमाण्डेंट, एसएसपी, एसपी, सब डिविजनल हेड आफ पुलिस, एसएचओ, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, आरआई, सार्जेण्ट, मेजर और इस रैंक के बराबर अन्य अधिकारियों पर भी लागू होंगे।





चुनाव इयूटी में अफसरों को देना होगा घोषणा पत्र

लखनऊ । लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में तैनात किये जाने वाले अफसरों को एक घोषणा पत्र देना होगा। इस घोषणा में चुनाव ड्यूटी में लगने वाले अफसरों को यह कहना होगा कि का में खड़े किसी उम्मीदवार के नजदीकी रिश्तेदार नहीं हैं। न ही प्रमुख दलों से राज्य या जिला स्तर पर उनकी कोई सम्बद्धता है। उनके ऊपर कोई आपराधिक मुकदमा नहीं चल रहा है।