बच्चों को मिड-डे मील खिलाने में महोबा नंबर वन, बदायूं रहा सबसे फिसड्डी, जानिए MDM खिलाने में टॉप 5 जिले और बॉटम 5 जिले कौन?


बच्चों को मिड-डे मील खिलाने में महोबा नंबर वन, बदायूं रहा सबसे फिसड्डी, जानिए MDM खिलाने में टॉप 5 जिले और बॉटम 5 जिले कौन?बच्चों को मिड-डे मील खिलाने में महोबा नंबर वन, बदायूं रहा सबसे फिसड्डी, जानिए MDM खिलाने में टॉप 5 जिले और बॉटम 5 जिले कौन?



स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से मिड डे मील की व्यवस्था शुरू की गई थी। आंकड़ों को देखा जाए तो यह योजना भी छात्रों को स्कूल की तरफ पूरी तरह से आकर्षित नहीं कर पा रही है। पूरे प्रदेश में बदायूं में सबसे कम छात्रों ने मिड डे मील खाया है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने छात्र उपस्थिति और मिड डे मील उपभोग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।



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परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील वितरण की लगातार समीक्षा की जाती है। जिला स्तर पर समीक्षा के साथ ही परियोजना स्तर से भी निगरानी होती है। रोज ही फोन कर मिड डे मील खाने वाले छात्रों का विवरण लिया जाता है। आमतौर पर यह विवरण उपस्थिति के आसपास ही होता है। 



कुछ ही छात्र ऐसे होते हैं जो स्कूल आने के बाद बिना मिड डे मील खाए चले जाएं। ऐसे में नवंबर की ऑनलाइन समीक्षा रिपोर्ट को देखा जाए तो पूरे प्रदेश में मिड डे मील खाने वाले सबसे अधिक छात्र महोबा जिले में है। 




महोबा में 74.14 फीसदी छात्रों ने मिड डे मील का लाभ उठाया। इसके उलट पूरे प्रदेश में सबसे कम बदायूं में 57.23 फीसदी छात्रों ने ही मिड डे मील खाया।