राजकीय विद्यालयों की सूरत 750 करोड़ रुपये से सुधारने की योजना

 प्रदेश के राजकीय विद्यालयों की सूरत 750 करोड़ रुपये से सुधारने की योजना है। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्कूलों के वृहद और मरम्मत कार्यों के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शासन से 750 करोड़ की मांग की है। बजट मिलने के बाद जिलेवार स्कूलों को रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। लक्ष्य रखा गया है कि जिन राजकीय स्कूलों में बाउंड्री नहीं है उन सभी को इसी सत्र में बाउंड्री से सुरक्षित कर दिया जाए।



स्कूलों में मल्टीपरपज हाल, लेबोरेटरी, लाइब्रेरी, नए स्कूल का निर्माण, टॉयलेट आदि वृहद निर्माण के लिए 422 करोड़ रुपये की राशि मांगी गई है। जबकि 98 करोड़ रुपये मरम्मत के मद में मांगा गया है। 230 करोड़ रुपये की डिमांड सिर्फ चारदीवारी के लिए की गई है। अपर निदेशक राजकीय अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश के 762 स्कूल ऐसे चिह्नित किए गए हैं, जहां बाउंड्री नहीं है और सभी में बाउंड्री निर्माण किया जाएगा। इससे पूर्व 2022-23 में 450 स्कूलों को वृहद निर्माण के लिए 98 करोड़ जबकि 2023-24 में 1654 स्कूलों के लिए 422 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई थी। 2021-22 सत्र में 148 स्कूलों को मरम्मत के लिए 18.54 करोड़ रुपये जारी हुए और सभी में काम लगभग पूरा हो चुका है।


टाइल्स लगवाने को मांगी पीडब्ल्यूडी से गाइडलाइन


स्कूलों में टाइल्स लगवाने के लिए पीडब्ल्यूडी से गाइडलाइन मांगी गई है। अपर निदेशक राजकीय के अनुसार मानकीकरण संबंधी गाइडलाइन मिलने के बाद उसी के अनुसार स्कूलों में टाइल लगवाने का काम होगा।