24 July 2025

लखनऊ हाईकोर्ट: विद्यालय मर्जर प्रकरण की 23 जुलाई की सुनवाई का पूरा अपडेट

 *#लखनऊ हाईकोर्ट* 

*विद्यालय मर्जर प्रकरण की आज की सुनवाई का पूरा अपडेट।*



1️⃣ आज दोपहर 2:20 से मर्जर प्रकरण की सुनवाई पुनः प्रारंभ हुई। राज्य सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) महोदय ने बहस आरंभ की। आज पूरे से उत्तर प्रदेश सरकार के वकीलों ने बहस की, अपीलकर्ता पक्ष को बोलने का कोई अवसर नहीं दिया गया। *राज्य सरकार की बहस निम्न बिंदुओं पर रही :-*


2️⃣ *NEP 2020 का हवाला:*

AAG महोदय ने बहस के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पैराग्राफ 7.1 से 7.3 का उल्लेख करते हुए तर्क दिया कि नीति में ‘स्कूलों के एकीकरण (Merger of Schools)’ की अवधारणा स्पष्ट रूप से दी गई है, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में एक ठोस कदम है।


3️⃣ *प्रॉक्सी टीचर का आरोप और न्यायालय का हस्तक्षेप:*

राज्य पक्ष ने यह दावा किया कि दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात शिक्षक विद्यालय नहीं जाते और अपनी जगह प्रॉक्सी टीचरों से पढ़ाई करवाते हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। इस पर न्यायालय ने तीखा प्रतिप्रश्न करते हुए पूछा -- 

*आपने अब तक कितने प्रॉक्सी शिक्षकों को चिन्हित या दंडित किया?*

इस पर AAG महोदय कोई स्पष्ट आँकड़ा प्रस्तुत नहीं कर सके और कहा कि *मेरे पास इस संबंध में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।*


4️⃣ *मुख्यमंत्री विद्यालय योजना का उल्लेख:*

AAG ने तर्क दिया कि मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय के अंतर्गत आधुनिक संसाधनों से युक्त ‘मॉडल स्कूल’ स्थापित किए जा रहे हैं जो भविष्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के केंद्र बनेंगे।


5️⃣ *स्पेशल एजुकेटर और बाल वाटिका की योजना:*

सरकार की योजना का उल्लेख करते हुए AAG ने कहा कि मर्जर से रिक्त हुई स्कूल बिल्डिंगों में विशेष एजुकेटर की नियुक्ति कर बाल वाटिका का संचालन किया जाएगा, जिससे बच्चों को अत्यधिक लाभ मिलेगा।


6️⃣ *सरकार द्वारा एंगेज वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप दीक्षित जी की दलील:*

सरकार की ओर से नियुक्त वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संदीप दीक्षित ने आरोप लगाया कि यह याचिकाएं वास्तव में शिक्षकों द्वारा प्रेरित *"प्रॉक्सी पिटीशन"* हैं, जो बच्चों के नाम से दाखिल की गई हैं। हालाँकि न्यायालय ने इस आरोप को कोई विशेष महत्व नहीं दिया। न्यायालय ने दीक्षित जी को अधिक समय भी नहीं दिया और कहा कि अभी सरकार की बहस के बाद हम अंतरिम आदेश पारित करने के पक्षधर हैं।


7️⃣ *न्यायालय की प्रतिक्रिया और स्टेटस क्वो की संभावना:*

बहस के अंतिम चरण में *न्यायालय ने संकेत दिया कि "जो विद्यालय अभी तक स्थानांतरित नहीं हुए हैं, उन्हें मर्जर किए गए विद्यालयों में भेजने की प्रक्रिया को स्थगित (Stay) किया जा सकता है तथा नए मर्जर को भी अग्रिम आदेशों तक स्थगित किया जा सकता है।*

कोर्ट ने ‘Status Quo’ लागू करने की इच्छा प्रकट की किंतु सीलर द्वारा बार बार आग्रह करने कर सरकार को अपना पक्ष पुनः प्रस्तुत करने का अवसर देते हुए कल के लिए सुनवाई कंटिन्यू कर दी।


8️⃣ *याचिकाकर्ता पक्ष की उपस्थिति:*

आज की संपूर्ण कार्यवाही के दौरान डॉ. एल०पी० मिश्रा जी स्वयं उपस्थित रहे तथा उनके तीनों जूनियर अधिवक्ता भी पूरे समय कोर्ट में मौजूद रहे, सरकार की पूरी बहस नोट की गई।


👉 आज पूरे दिन राज्य सरकार ने बहस की किंतु न्यायालय के क्रॉस-क्वेश्चन यह संकेत देते हैं कि वह विषय की संवेदनशीलता को गंभीरता से देख रहा है।

कल की सुनवाई निर्णायक दिशा दे सकती है। परिणाम की भविष्यवाणी कठिन है, किंतु टीम एल०पी० मिश्रा पूरी निडरता, संयम और विवेकपूर्ण रणनीति के साथ अंतिम द्वार तक संघर्षरत है।

यदि नियति ने साथ दिया, तो सत्य और संविधान की जीत सुनिश्चित है।


🙏 धन्यवाद।

*टीम एल०पी० मिश्रा*