नमस्कार मित्रों,
मैं शुरू से ही कहता आया हूँ —
NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) केवल एक नीति (Policy) है, जिसे कैबिनेट ने पास किया है,
जबकि Act (अधिनियम) एक कानूनी विधेयक होता है, जिसके अंतर्गत बनाए गए नियम वैधानिक (Statutory) होते हैं।
अब तक बड़े जोरशोर से ढोल पीटा गया कि —
“34-35 साल बाद नई शिक्षा नीति आई है!”
तो आइए, अब आपको दिखाते हैं कि “शिक्षा के उन्नयन” और “बेहतर सुविधाओं” के नाम पर इसमें क्या छिपा हुआ है।
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🔍 NEP का क्लॉज 7.10
NEP के क्लॉज 7 के अंतर्गत, सब-सेक्शन 7.10 साफ़ तौर पर कहता है:
“सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों के साथ pairing/twinning में जोड़ा जाएगा।”
अब आप स्वयं सोचिए —
जब ये सरकार “एक क्लस्टर एक विद्यालय” की बात कर रही है,
तो साफ है कि भविष्य में इन विद्यालयों को निजी स्कूलों में मर्ज कर दिया जाएगा।
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⚖️ कल कोर्ट में भी शिक्षकों को निशाना बनाया गया
सरकार के अधिवक्ता लगातार प्रयास कर रहे थे कि
सरकारी शिक्षकों को “नकारा” और “प्रॉक्सी टीचर भेजने वाला” सिद्ध कर सकें।
ये सब एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
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⚠️ NEP का असली मकसद — सरकारी नौकरियों का खात्मा!
NEP लाई ही इसीलिए गई है कि शिक्षा जैसे बुनियादी क्षेत्रों में मौजूद अधिनियमों को कमजोर किया जाए, ताकि एक-एक करके सरकारी नौकरियों को खत्म किया जा सके।
🔹 पहले ही कई विभागों को ये खत्म कर चुके हैं।
🔹 अब सीधा हमला शिक्षा और स्वास्थ्य पर हो रहा है।
💊 आयुष्मान कार्ड का अगला चरण क्या होगा?
आयुष्मान कार्ड तो बना दिए गए,
लेकिन जल्द ही आप देखेंगे कि इस योजना के नाम पर सरकारी अस्पतालों को भी निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा।
Disinvestment (विनिवेश) के नाम पर ये सरकार दोनों विभागों को धीरे-धीरे खत्म करने की ओर बढ़ रही है।
✊ इसलिए ये लड़ाई ज़रूरी है!
यह केवल स्कूलों, शिक्षकों या छात्रों की नहीं —
यह लड़ाई है आम जनता के अधिकारों की।
👉 शिक्षा और स्वास्थ्य यदि निजी हाथों में चले गए,
तो आम आदमी को सस्ती
, सुलभ और समान सेवा कभी नहीं मिलेगी।
धन्यवाद।
#rana