नई दिल्ली : अब सिर्फ किताबें पढ़ना
काफी नहीं है। सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा के प्रवेश पत्र पाने के लिए कला को जरूरी बना दिया है। हर छात्र को किसी भारतीय कला रूप (दृश्य या प्रदर्शन कला) से जोड़ते हुए प्रोजेक्ट बनाना होगा। नौवीं और 10वीं कक्षा में यह कार्य विषय समृद्ध करने का हिस्सा होगा, जबकि छोटी कक्षाओं के बच्चों के लिए यह अंतः विषय सीखने के रूप में प्रोत्साहित किया गया है। सीबीएसई ने सत्र 2025-26 के लिए पहली से 10वीं तक के सभी छात्रों के लिए आर्ट इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट अनिवार्य कर दिया है। इस प्रोजेक्ट को कलासेतु पोर्टल
पर अपलोड करना स्कूलों के लिए जरूरी होगा। बिना प्रोजेक्ट अपलोड किए स्कूल कलासेतु पोर्टल से बोर्ड परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र डाउनलोड नहीं कर पाएंगे। यह निर्देश बोर्ड की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत स्कूल शिक्षा में कला, संस्कृति और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
सीबीएसई का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य छात्रों को कलाकार बनाना नहीं, बल्कि कला के जरिये सीखने को रोचक और व्यावहारिक बनाना है। इससे बच्चों को भारतीय सांस्कृतिक विविधता से जुड़ने और रचनात्मक सोच विकसित करने का अवसर मिलेगा