● वर्ष 2016 में हुई शिक्षक भर्ती में दोनों शिक्षकों को आजमगढ़ मण्डल में मिली थी तैनाती
● एक वर्ष पहले तबादले पर आए थे लखनऊ, डीआईओएस ने दर्ज कराया मुकदमा
लखनऊ, फर्जी अंकपत्र, प्रमाणपत्र के आधार पर 9 वर्ष से नौकरी कर रहे राजकीय इंटर कॉलेज के बर्खास्त दो शिक्षकों के खिलाफ सोमवार को एफआईआर दर्ज हुई है। इनके वेतन-भत्तों की वसूली की जाएगी। दोनों शिक्षक एक वर्ष पूर्व आजमगढ़ से तबादले पर लखनऊ आए थे।
डीआईओएस की तहरीर पर पुलिस ने सैरपुर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज के गणित-विज्ञान के शिक्षक राज रतन वर्मा और बेहटा स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में अंग्रेजी की शिक्षिका रोहिणी शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने 20 अगस्त को इन दोनों शिक्षकों समेत प्रदेश के 22 शिक्षकों की बर्खास्तगी का आदेश जारी किया था।
21 अप्रैल 2014 को निकले विज्ञापन के आधार पर 2016 में आजमगढ़ मण्डल में सहायक अध्यापक (पुरुष-महिला) के रिक्त पदों पर स्कूल, इण्टरमीडिएट, स्नातक एवं प्रशिक्षण अर्हता के आधार पर तैयार गुणांक के मेरिट के आधार पर इनका चयन हुआ था। शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन एवं जांच 22 अभ्यर्थियों के अंकपत्र, प्रमाणपत्र कूटरचित एवं फर्जी पाए गए। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश पर इन सभी से वेतन-भत्तों की वसूली करने के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। डीआईओएस राकेश कुमार ने बताया कि सोमवार को बर्खास्त शिक्षक राज रतन वर्मा के खिलाफ सैरपुर थाने में रोहिणी शर्मा के खिलाफ गुड़ंबा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है।