नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) से दोबारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में लौटने के लिए कई शर्तें तय की हैं। इनके तहत कर्मचारियों को एनपीएस में स्विच करने के लिए केवल एक बार मौका मिलेगा। उन्हें अपनी अनिवार्य सेवानिवृत्ति की तिथि से कम से कम एक साल पहले तक इसके लिए आवेदन करना होगा।
वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाएं विभाग की अधिसूचना के अनुसार, जो कर्मचारी पहले ही यूपीएस चुन चुके हैं, वे अपनी सेवा अवधि के दौरान इसे छोड़कर एनपीएस में शामिल हो सकते हैं। ऐसे कर्मचारियों को यूपीएस के सभी लाभ खत्म हो जाएंगे। यदि कर्मचारी यह स्विच सुविधा समय सीमा के भीतर प्रयोग नहीं करता है, तो उसे डिफाल्ट रूप से यूपीएस के अंतर्गत ही माना जाएगा।
एनपीएस के नियम लागू होंगे : एक बार जब यह स्विच सुविधा ले ली जाएगी, तो पेंशन नियामक पीएफआरडीए (एनपीएस- निकासी एवं वापसी) विनियम 2015 लागू होंगे। इसके बाद संबंधित कर्मचारी यूपीएस लाभों या निश्चित भुगतान के लिए पात्र नहीं रहेंगे। सरकार का चार फीसदी का अंतर योगदान डिफाल्ट निवेश पैटर्न के तहत जमा किया जाएगा और यह राशि कर्मचारी के एनपीएस कोष में निकासी के समय दिखेगी। गौरतलब है कि यूपीएस योजना इसी साल एक अप्रैल से लागू हुई है।
ये शर्तें लागू होंगी
●सेवानिवृत्ति की तिथि से कम से कम एक साल पहले तक एनपीएस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
●स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले में यह समयसीमा कम से कम तीन माह की होगी।