लखनऊ।
परिषदीय विद्यालयों में तैनात कई शिक्षक, जो अंतरजनपदीय तबादले से आए हैं, लंबे समय से वेतन विसंगति का सामना कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार कई शिक्षकों को पूर्व जिले में प्रधानाध्यापक (ग्रेड पे ₹4600-4800) का वेतन मिल रहा था, लेकिन दूसरे जिले में स्थानांतरण के बाद उनकी सीनियरिटी बाधित हो गई। परिणामस्वरूप वे जूनियर घोषित कर दिए गए और इंचार्ज पद उन शिक्षकों को मिल गया जो केवल जिला-सीनियरिटी के आधार पर आगे हो गए।
ऐसे इंचार्ज प्रधानाध्यापक वर्तमान में "सहायक अध्यापक" का वेतन पा रहे हैं, जबकि पूर्व में उच्च ग्रेड पे पर कार्यरत शिक्षक सहायक के रूप में काम कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि यदि सरकार यह आदेश जारी कर दे कि जिला बदलने पर भी पूर्व सीनियरिटी बरकरार रहेगी, तो आधे से अधिक शिक्षकों को इंचार्ज का अतिरिक्त वेतन नहीं देना पड़ेगा।
शिक्षक प्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि ऐसा कदम न केवल वित्तीय भार को कम करेगा बल्कि हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन भी सुनिश्चित करेगा। अब शिक्षकों को राज्य सरकार से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है।