शताब्दी समारोह का आयोजन दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हुआ, जहां पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। समारोह में संबोधित करते हुए उन्होंने RSS को यह ऐतिहासिक तोहफा दिया।
शताब्दी पर विशेष डाक टिकट
RSS की 100वीं वर्षगांठ पर जारी डाक टिकट कई मायनों में खास है। इसपर 1963 की गणतंत्र दिवस परेड की तस्वीर अंकित है, जिसमें संघ के स्वयंसेवक ऐतिहासिक रैली में शामिल हुए थे। यह वह समय था जब 1962 के भारत-चीन युद्ध में RSS ने सहयोग किया था। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें 26 जनवरी की परेड में भाग लेने का आमंत्रण दिया था।
स्मारक सिक्के की विशेषता
प्रधानमंत्री ने शताब्दी पर स्मारक सिक्का भी जारी किया। शुद्ध चांदी से बने 100 रुपये मूल्य वाले इस सिक्के के एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह और दूसरी ओर सिंह के साथ वरद-मुद्रा में भारत माता की भव्य छवि अंकित है। सिक्के के पिछले हिस्से में संघ कार्यकर्ताओं की तस्वीर और RSS का बोध वाक्य ‘राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय इदं न मम’ भी उकेरा गया है।
संघ का 100 साल का सफर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। एक सदी बाद आज RSS दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन चुका है, जिसकी शाखाएं पूरे देश में सक्रिय हैं। इस संगठन से जुड़े लोगों को 'संघ परिवार' के नाम से जाना जाता है।