दिसंबर शुरू हो चुका है और यह वित्तीय वर्ष समाप्त होने में तीन महीने से कुछ ज्यादा बचे हैं। बावजूद इसके अब तक बजट का कुल 39 फीसदी ही विभाग खर्च कर सके हैं। दो-तिहाई से ज्यादा विभाग ऐसे हैं, जिनका बजट के सापेक्ष खर्च अभी 50 फीसदी भी नहीं पहुंचा है।
अगले वित्तीय वर्ष के आम बजट की तैयारियां चल रही हैं। इस शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट भी लाने की तैयारी है। हालांकि, वित्तीय आंकड़े रकम की आवश्यकता पर खरे नहीं उतर रहे हैं। वर्ष 2025-26 के लिए सरकार 8 लाख आठ हजार करोड़ रुपये का आम बजट पेश किया था। इसमें से अब तक 3 लाख 28 हजार करोड़ रुपये ही खर्च किए जा सके हैं। यह इस वित्तीय वर्ष के आठ महीने का हिसाब-किताब है। आंकड़ों पर गौर करें तो आने वाले साढ़े तीन महीने में बची हुई 60 प्रतिशत रकम का पूरा खर्च मुश्किल दिख रहा है। जानकारों के मुताबिक इस सुस्ती का असर योजनाओं पर पड़ सकता है।

