उत्तर प्रदेश में संस्कृत का अध्ययन कर रहे कक्षा छह से परास्नातक के विद्यार्थियों को नए साल में वजीफे का तोहफा मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी संस्कृत छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं जो 21 दिसंबर तक लिए जाएंगे। आवेदन और सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करते हुए लगभग 70 हजार विद्यार्थियों के खाते में 14 जनवरी से छात्रवृत्ति की धनराशि भेजनी शुरू हो जाएगी। इस साल आवेदन से लेकर भुगतान तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण थोड़ी देर हो गई है।
प्रदेश के 403 सहायता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालय और 570 माध्यमिक संस्कृत विद्यालयों में कक्षा छह से परास्नातक तक में लगभग सवा लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री ने 27 अक्तूबर 2024 को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 69,195 संस्कृत विद्यार्थियों को 586 लाख की छात्रवृत्ति वितरित कर योजना की शुरुआत की थी। इस साल भी लगभग इतने ही विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
सरकार ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र में 20 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया है। पिछले साल बजट दस करोड़ रुपये था जिसमें से तकरीबन छह करोड़ का वितरण ही हो सका था। निरीक्षक संस्कृत पाठशालाएं पवन श्रीवास्तव ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन आठ दिसंबर से शुरू है। विद्यार्थियों को 21 दिसंबर तक आवेदन पत्र की हार्डकॉपी विद्यालय में जमा करनी है। 11 से 23 दिसंबर तक संबंधित प्रधानाचार्य सत्यापन और अपलोड करेंगे। इसकी हार्डकॉपी 24 दिसंबर तक जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में जमा होगी और डीआईओएस 25 से 28 दिसंबर तक सत्यापन करेंगे।
छात्रवृत्ति के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य
छात्रवृत्ति उन्हीं विद्यार्थियों को मिलेगी जिनकी उपस्थिति 75 प्रतिशत से अधिक और पिछली कक्षा में 50 फीसदी से अधिक अंक मिले हैं। कोई अन्य छात्रवृत्ति पाने वाले विद्यार्थियों को भी लाभ नहीं मिलेगा। कक्षा छह व सात के छात्रों को प्रतिमाह 50 रुपये, कक्षा आठ को 75 रुपये, कक्षा नौ व दस के लिए 100 रुपये, कक्षा 11 व 12 में 150 रुपये, स्नातक में 200 रुपये जबकि परास्नातक में अध्ययनरत विद्यार्थियों को 250 रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है।

