राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर विषय की एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती में बीएड को अनिवार्य किया जाएगा। शासन के विशेष सचिव उमेश चन्द्र ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव को पत्र लिखा है कि सहायक अध्यापक कंप्यूटर (पुरुष/महिला शाखा) की वर्तमान शैक्षिक अर्हता में बीएड को अधिमानी अर्हता के स्थान पर बीएड को अनिवार्य अर्हता किए जाने के संबंध में हाईकोर्ट में प्रवीन मिश्रा एवं अन्य की ओर से दायर याचिका में 12 सितंबर को पारित आदेश के क्रम में प्रतिशपथ-पत्र दाखिल किया जाए।
कोर्ट ने 12 सितंबर को टिप्पणी की थी कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) विनियमों में विशेष रूप से बीएड को अनिवार्य योग्यता माना गया है, इसलिए नियमावली में संशोधन और विज्ञापन विधि की दृष्टि से इस हद तक टिक नहीं सकते। कोर्ट ने कहा था कि चयन प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है, लेकिन बिना बीएड योग्यता वाले किसी भी अभ्यर्थी को सहायक अध्यापक (कंप्यूटर) (पुरुष/महिला) के विज्ञापित पद पर कोर्ट की अनुमति के बिना नियुक्त नहीं किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (षष्टम संशोधन) नियमावली 2024 में संशोधन करते हुए कंप्यूटर विषय की भर्ती में बीएड की अनिवार्यता से छूट संबंधी गजट 28 मार्च को जारी किया था।
संशोधित नियमावली में कंप्यूटर विषय की एलटी ग्रेड भर्ती में बीएड को अधिमानी अर्हता माना गया था। इस पर बीएड अर्हताधारी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर दी थी।
लोक सेवा आयोग ने नहीं घोषित की परीक्षा तिथि
प्रयागराज। बीएड अनिवार्यता को लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर होने के कारण ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अब तक केवल इसी विषय की परीक्षा तिथि घोषित नहीं की है। 28 जुलाई को जारी एलटी ग्रेड भर्ती के विज्ञापन में कंप्यूटर के 1,056 पदों के लिए 70496 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि एनसीटीई की 12 नवंबर 2014 की अधिसूचना के अनुसार, माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा नौ से दस) में अध्यापक पद के लिए बीएड अनिवार्य है।

