11 December 2025

इस राज्य के शिक्षकों को मिली एक और जिम्मेदारी: पढ़ाने के साथ शिक्षक लावारिस कुत्तों पर रखेंगे नजर, लापरवाही पर कार्रवाई

 

 जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा और पुंछ जिलों में शिक्षक कक्षा से इतर अब कुत्तों की निगरानी करेंगे। दोनों जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) ने सरकारी और निजी दोनों स्कूलों के शिक्षकों को अलग तरह की ये एक नई जिम्मेदारी सौंपी है। 




शिक्षक अब स्कूलों के भीतर और बाहर आवारा कुत्तों व इनसे संबंधित घटनाओं की निगरानी और प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी के रूप में काम करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने ये कदम स्कूलों में विद्यार्थियों और स्टाॅफ की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अप्रत्याशित रूप से उठाया है। 




इसमें कहा गया है कि प्रत्येक स्कूल में एक नोडल अधिकारी नामित करना अनिवार्य है। कुपवाड़ा के सीईओ ने जिले के सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों, जोनल एजुकेशन अफसर (जेडईओ) और हेडमास्टरों को आधिकारिक निर्देश जारी किया है। 


जमा करनी होगी अनुपालन रिपोर्ट


इसमें कहा गया है कि स्कूलों के अंदर और बाहर प्रमुख स्थानों पर ''कुत्तों से सावधान रहें'' संदेश वाले साइनबोर्ड लगाए जाएं। ये अनिवार्य हैं ताकि आवारा कुत्तों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके। नोडल अधिकारी को अनुपालन रिपोर्ट भी जमा करनी होगी।




 


नोडल अधिकारी बनाने का निर्देश


इसी तरह के निर्देश सीईओ पुंछ ने जारी किए हैं। यहां मुख्य जोर समन्वय पर है और सभी सरकारी और निजी स्कूलों के ड्राइंग एंड डिसबर्सिंग ऑफिसर (डीडीओ) और संस्थानों के प्रमुखों (एचओआई) को आवारा कुत्तों पर निगरानी और समन्वय के लिए नोडल अधिकारी बनाने का निर्देश दिया गया है।


सीईओ की ओर से जारी आधिकारिक निर्देश में लिखा है कि नोडल अधिकारी आवारा कुत्तों को देखे जाने और उनसे जुड़ी घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार होगा। इसके अलावा नोडल अधिकारी जरूरी कार्रवाई के लिए संबंधित नगर पालिका, पशुपालन, स्थानीय निकायों के साथ समन्वय करेगा।


 


पुंछ के डीसी ने हाल में ही की थी बैठक


सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पुंछ जिले में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए जिला उपायुक्त ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक ली थी। इसमें आवारा कुत्तों पर नियंत्रण और पशु जन्म नियंत्रण पर गंभीर चर्चा की गई थी। इस बैठक के बाद अब सीईओ ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं।


 


लापरवाही पर कार्रवाई


सीईओ के जारी निर्देशों में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इनके पालन में किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और संबंधित अधिकारियों व शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। यह कदम स्कूलों में सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक सख्त प्रयास माना जा रहा है