कंपोजिट विद्यालय नाहिली में सोमवार को बीएसए के साथ हुई हाथापाई से शुरू हुआ हंगामा रातभर चलता रहा। रात में हंगामा बढ़ने पर जिलाधिकारी और एसपी पुलिसबल के साथ घिरोर पहुंचे। थाने में ग्रामीणों और शिक्षकों ने वार्ता की। जिलाधिकारी के निर्देश पर खंड शिक्षाधिकारी ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सहित तीन शिक्षकों को दूसरे विद्यालयों से संबद्ध करने की कार्रवाई की। इसके बाद अभिभावक, शिक्षक और छात्र अपने-अपने घरों पर गए। सोमवार को सुबह करीब 11 बजे बीएसए कंपोजिट विद्यालय नाहिली पहुंचे थे। यहां बीएसए के पहुंचने के बाद शिक्षक, छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने बीएसए के साथ हाथापाई की थी। इसके बाद एक शिक्षक के समर्थन में छात्र अभिभावकों के सहयोग से धरने पर बैठ गए थे। शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने खुद को स्कूल में बंद कर लिया था। रात करीब 9:30 बजे शिक्षक ने छात्र-छात्राओं को पानी पीने के लिए बाहर निकाला। इसी दौरान पुलिस ने शिक्षक राजेश कुमार को पकड़ लिया। इससे एक बार फिर माहौल बिगड़ गया और पुलिस के साथ ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए पथराव कर दिया। माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने राजेश को छोड़ दिया और वापस स्कूल से बाहर आ गई।
एडीएम रामजी मिश्रा के मौके पर पहुंचने के बाद भी विवाद शांत न होने पर रात एक बजे डीएम अविनाश कृष्ण सिंह व एसपी अशोक कुमार राय घिरोर थाने पहुंचे। यहां सभी शिक्षकों, ग्रामीण और छात्रों को बुलाया गया। इसके बाद अफसरों ने सभी से वार्ता की। अभिभावक, शिक्षक और छात्र-छात्राएं नहीं माने वे यहां तैनात शिक्षकों के स्थानांतरण पर अड़े रहे। जिलाधिकारी ने उनकी मांग को मानते हुए खंड शिक्षाधिकारी को विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका रुबीना इजहार, शिक्षक महेंद्र सिंह और शिक्षिका निशंका जैन को यहां से हटाने के निर्देश दिए। रात करीब तीन बजे खंड शिक्षाधिकारी ने तीनों को कंपोजिट विद्यालय नाहिली से हटाने के आदेश जारी किए। इसके बाद विवाद शांत हुआ और सभी अपने-अपने घरों के लिए चले गए।
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मौके पर कई थानों की बुलाई गई पुलिस
कंपोजिट विद्यालय नाहिली पर शिक्षक के समर्थन में उतरे ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं के आक्रोशित होने से जिला प्रशासन के भी हाथ-पैर फूल गए। विद्यालय से किसी प्रकार से छात्राओं को बाहर निकालना जिला प्रशासन की बड़ी चुनौती थी। इसे देखते हुए एसपी के निर्देश पर कुर्रा, बरनाहल, औंछा, दन्नाहार थाने की पुलिस के साथ एक पीएसी और दमकल को मौके पर बुलाया गया।
विभाग की लापरवाही भी हुई उजागर
नाहिली में हुए हंगामा ने बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही को भी उजागर कर दिया है। कंपोजिट विद्यालय नाहिली पर आठ शिक्षक, तीन शिक्षामित्र और एक अनुदेशक पहले से ही तैनात थे। यहां लंबे समय से सहायक अध्यापिका निशंका जैन का संबद्धीकरण किस आधार इसका जवाब अब विभागीय कर्मचारी और अधिकारी तलाश रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि नगला आशा जहां निशंका जैन की मूल तैनाती थी, वहां मात्र एक शिक्षक की तैनाती है। निशंका जैन को लेकर ही कंपोजिट विद्यालय नाहिली में तीन दिसंबर को हंगामा भी हुआ था। इसके बाद भी विभाग ने निशंका को यहां से नहीं हटाया था।
छात्र-छात्राएं शिक्षक के साथ विद्यालय में बंद थे, उन्हें बाहर निकाला जाना पहली प्राथमिकता थी। पूरा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है। अस्थाई रूप से विद्यालय की प्रधानाध्यापिका और दो शिक्षकों का दूसरे विद्यालयों में संबद्धीकरण किया गया है। आगे जो भी होगा वह छात्र हित को ध्यान में रखते हुए प्रशासन और विभागीय आदेशानुसार किया जाएगा। कमल सिंह, बीएसए
ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं की मांग पर प्रशासनिक आदेश पर विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका रुबीना इजहार को उच्च प्राथमिक विद्यालय घिरोर, सहायक अध्यापक महेंद्र प्रताप सिंह को उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला बाग से संबद्ध किया गया है। वहीं यहां संबद्ध चल रहीं सहायक अध्यापिका निशंका जैन को उनके मूल विद्यालय नगला आशा पर भेजा गया है। - मनींद्र कुमार, खंड शिक्षाधिकारी घिरोर