प्रयागराज: यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा के 16 विषयों के प्रश्नपत्र में पाठ्यक्रम के बाहर का प्रश्न शामिल करने वाले विशेषज्ञों पर कार्रवाई होगी। 16 विषयों के 34 सेटों में 102 प्रश्न त्रुटिपूर्ण या पाठ्यक्रम के बाहर से होने को गंभीर गलती माना गया है। ऐसे में इन विषयों के विशेषज्ञों को यूपी बोर्ड तो डिबार करेगा ही, साथ में अन्य भर्ती बोर्डों को भी इनके संबंध में जानकारी दी जाएगी। जिन विषयों के विसंगतिपूर्ण प्रश्नों पर यूपी बोर्ड को परीक्षार्थियों को पूर्णांक अंक देने पड़े हैं, उनमें ज्यादातर पाठ्यक्रम के बाहर के हैं। इनमें हिंदी, सामान्य हिंदी, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र, गणित, अर्थशास्त्र, प्राविधिक कला, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, लेखा शास्त्र, व्यवसाय अध्ययन, व्यापारिक संगठन एवं पत्र व्यवहार, संस्कृत विषय शामिल हैं। यूपी बोर्ड इन विषयों के विभिन्न सेटों के प्रश्नपत्र तैयार करने वाले विषय विशेषज्ञों को सूचीबद्ध करेगा। इसके बाद इनसे भविष्य में प्रश्नपत्र तैयार कराने का कार्य नहीं लेगा। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिब्यकांत शुक्ल का कहना है कि प्रश्नपत्र विषय विशेषज्ञ तैयार करते हैं। विसंगतिपूर्ण प्रश्नों को प्रश्नपत्र में शामिल करने के आरोप में उन पर कार्रवाई किए जाने की तैयारी की जा रही है। अपने यहां से डिबार करने के साथ अन्य भर्ती परीक्षाओं के बोर्डों को भी यह सूचना भेजेंगे, ताकि अन्य बोर्ड भी अपने स्तर से इनके संबंध में निर्णय ले सकें।
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की प्रायोगिक परीक्षा बुधवार को संपन्न हो गई। यह परीक्षा दो चरणों में कराई गई। प्रायोगिक परीक्षा 20 अप्रैल से शुरू की गई थी। मंडलवार परीक्षा की तिथि यूपी बोर्ड ने निर्धारित की थी, लेकिन इसकी सूचना सभी परीक्षार्थियों तक समय पर नहीं पहुंच पाने से कई की परीक्षा छूट गई। ऐसे परीक्षार्थियों को यूपी बोर्ड एक और मौका देते हुए जल्द ही नई तिथि घोषित करेगा। बोर्ड ने पहले चरण में 20 से 27 अप्रैल तक लखनऊ, बरेली, सहारनपुर, आगरा, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन तथा बस्ती मंडल की परीक्षा कराई। परीक्षा 20 अप्रैल से जरूर शुरू कराई गई, लेकिन अधिकांश जिलों के केंद्रों पर पहले दिन परीक्षा नहीं हुई। इसकी एक वजह केंद्रों पर प्रायोगिक परीक्षा के लिए आवश्यक प्रपत्र न पहुंचना तो रहा ही, परीक्षार्थियों को सूचना नहीं मिल पाना भी एक कारण रहा। दूसरे चरण की प्रायोगिक परीक्षा 28 अप्रैल से चार मई के मध्य संपन्न हुई। दूसरे चरण में अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मीरजापुर, वाराणसी तथा गोरखपुर मंडल की परीक्षा हुई। इन दोनों चरणों की परीक्षा के दौरान कई जिले में ऐसे परीक्षार्थी हैं, जो सूचना न मिलने के कारण इसमें शामिल नहीं हो सके। यूपी बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल का कहना है कि प्रायोगिक परीक्षा छूटने वाले परीक्षार्थियों को निराश होने की जरूरत नहीं है। उन्हें जल्द ही एक मौका देते हुए प्रायोगिक परीक्षा की तिथि घोषित की जाएगी।