स्कूलों से गायब मिले ग्यारह शिक्षक, हेडमास्टर निलंबित


प्रतापगढ़। जिले के मानधाता ब्लॉक में स्थित परिषदीय स्कूलों की बुधवार को बीएसए ने टीम गठित कर जांच कराई। कुल 113 स्कूलों के निरीक्षण में 11 शिक्षक और शिक्षामित्र गायब मिले। बीएसए ने स्कूल छोड़कर गायब रहने वाले एक हेडमास्टर को निलंबित कर दिया। एक शिक्षक का वेतन रोका गया है। गायब रहने वाले अन्य शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है।

स्कूलों से शिक्षकों के गायब रहने की शिकायत मिलने के बाद बुधवार को बीएसए भूपेंद्र सिंह अधिकारियों की टीम गठित कर निरीक्षण के लिए निकल पड़े। प्राइमरी स्कूल ऐजका में पहुंचने पर मौजूद शिक्षकों ने बताया कि हेडमास्टर सभापति कभी-कभी स्कूल आते हैं। बीएसए भूपेंद्र सिंह ने जब रजिस्टर देखा तो, 30 अप्रैल के बाद उनके हस्ताक्षर नहीं हुए थे। कंपोजिट ग्रांट से पांच वर्षों में रंगाई-पुताई नहीं कराई गई थी। शौचालय में ईंट-पत्थर भरे थे। स्कूल के रजिस्टर में 67 बच्चों के का नाम अंकित थे लेकिन, मौके पर सिर्फ पांच बच्चे मिले। इस पर बीएसए ने हेडमास्टर सभापति को निलंबित कर दिया है।

प्राइमरी स्कूल खुशहालगंज पनियारी में सुबह 8.07 बजे शिक्षिका वंदना पाल, मोनिका और शिक्षामित्र संगीता सिंह के गायब मिलने पर नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण तलब किया है। प्राइमरी स्कूल लाखापुर में 8.44 बजे सहायक अध्यापक उमेश चंद्र दुबे के बगैर किसी सूचना के गायब मिलने पर नोटिस जारी किया है। कंपोजिट स्कूल सुबरनी के निरीक्षण में शिक्षक सुरेंद्र प्रसाद तिवारी, नीलेश प्रताप सिंह, शिक्षामित्र मनीसुर्रहमान के गायब मिलने पर नोटिस जारी कर सप्ताह भर में स्पष्टीकरण तलब किया है। प्राइमरी स्कूल बरहापुर में सुबह 9.14 बजे प्रधानाध्यापक ब्रजेश कुमार और शिक्षामित्र पूनम पांडेय गायब मिलीं। स्कूल के रजिस्टर में बच्चों की संख्या 86 अंकित थी लेकिन मौके पर एक भी बच्चे नहीं मिले। इस पर बीएसए ने हेडमास्टर के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है।

छुट्टी लेने वालों की बढ़ गई संख्या

मानधाता विकास खंड में तैनात अधिकांश शिक्षिकाएं प्रयागराज से आती हैं। बुधवार को जब टीम के सदस्य स्कूलों में पहुंचने लगे तो, प्रयागराज से आने वाली शिक्षिकाओं ने कार्रवाई से बचने के लिए ऑनलाइन अवकाश लेना उचित समझा। विभागीय लोगों के अनुसार, सबसे अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं बुधवार को अवकाश पर रहे।

निरीक्षण की खबर हुई लीक

बीएसए ने मानधाता विकास खंड के स्कूलों के औचक निरीक्षण का प्लान मंगलवार को ही बना लिया था मगर, बुधवार की सुबह टीम के सदस्यों के स्कूल पहुंचने से पहले ही शिक्षक नेताओं को जानकारी हो गई। इससे वह फोन कर शिक्षकों को स्कूल पहुंचने के लिए कहते रहे। अगर यह सूचना लीक न हुई होती तो, स्कूल से गायब रहने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या सौ के आसपास होती।