14 साल बाद छात्रों को मिलेगा ‘स्कूल छत’ पेड़ व खुले आसमान के नीचे पढ़ रहे छात्र


 

पीडीडीयू नगर। बेसिक स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए सर्व शिक्षा अभियान से लेकर मिशन कायाकल्प के जरिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इन योजनाओं से स्कूलों की दशा भी सुधरी, बुनियादी विकास जैसे बिजली, पानी, सफाई, शौचालय, स्मार्ट क्लास, शिक्षण व्यवस्था, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल से लेकर बैठने के लिए फर्नीचर की व्यवस्थाएं हुई। इन सबके बीच जिले में एक ऐसा विद्यालय है जहां बच्चों को अब तक छत नसीब नहीं हुई। यह स्कूल है नौगढ़ ब्लाक के लौवारी कला ग्राम पंचायत का प्राथामिक विद्यालय गोड़टूटवा।






मगर अब इस स्कूल के दिन भी बहुरने वाले हैं। एक सप्ताह पहले ही वन विभाग की ओर से एनओसी मिलने के बाद यहां खुले आसमान और पेड़ के नीचे 14 साल से पढ़ाई कर रहे नौनिहालों का वनवास टूटेगा और उन्हें जल्द ही छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करना नसीब होगा।



चकिया और नौगढ़ क्षेत्र में जब नक्सल चरम पर था तो विकास का पहिया तो रुका ही शिक्षा व्यवस्था भी बेपटरी हो गई। 1997 में कांग्रेस नेता की हत्या के बाद नक्सल धीरे-धीरे चरम पर पहुंच गया और नक्सली घटना में 20 नवंबर 2004 को पीएसी वाहन उड़ाने के बाद तो सूरज ढलते जंगल में निकलना मुश्किल हो गया था।




मगर इसके बाद विकास कि किरण जंगलों तक पहुंची और बेसिक स्कूल से लेकर निजी और सरकारी डग्रिी कालेज खुले। रौनक लौटने लगी तो साल 2008 में नौगढ़ ब्लाक के लौवारी कला ग्राम सभा के गोड़टूटवा में प्राथमिक विद्यालय की स्थापना हुई। तब वहां स्थानीय जंगल के बाशिंदों को लगा कि उनके बच्चों को प्राथिमक शिक्षा का बेहतर अवसर मिलेगा। लेकिन जंगल विभाग सामने आ गया। जैसे ही स्कूल का भवन बनना शुरू हुआ तो जंगल नियमों का हवाला देकर वन विभाग ने काम रोक दिया गया। तब से वहां के बच्चे खुले आसमान और पेड़ के नीचे बैठकर आज भी पढ़ाई कर रहे हैं।



जिले में संचालित है 1185 परिषदीय विद्यालय जिले में कुल 1185 परिषदीय विद्यालय संचालित है। इसमें 705 प्राथमिक विद्यालय और 203 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैँ। इसके अलावा 277 कम्पोजिट वद्यिालय हैं। इन स्कूलों में 2.56 लाख 805 बच्चे पंजीकृत हैं।



पढ़ाई से लेकर एमडीएम तक आसमान के नीचे



बेसिक शिक्षा विभाग ने जब विद्यालय भवन का निर्माण शुरू कराया तब वन विभाग ने जंगल की जमीन बताते हुए काम रोक दिया। तब से विद्यालय की दीवार खंडहर की तरह खड़ी है और अब तो जर्जर होने लगी है। यहां बच्चों की पढ़ाई से लेकर मध्याह्न भोजन तक खुले आसमान के नीचे बनता है। गर्मी, जाड़ा हो या बारिश का मौसम बच्चे खुले आसमान के नीचे ही पढ़ाई कर रहे हैं।



51 बच्चों को पढ़ाते हैं चार शिक्षक-शिक्षामित्र



पीडीडीयू नगर। नौगढ़ ब्लाक के लौवारी कला ग्राम सभा के गोड़टूटवा प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक फिलहाल 51 बच्चे पंजीकृत हैं। वहां के हेडमास्टर रमाकांत जायसवाल ने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के लिए उनके सहित एक सहायक अध्यापक और दो शिक्षामित्र कार्यरत हैं। बारिश होने और ज्यादा सर्दी पड़ने पर दिक्कत होती है।



स्कूल का भवन नहीं होने से बच्चों और शिक्षकों के लिए दिक्कत है। लेकिन अब वन विभाग की ओर से एनओसी मिली है। अगले सत्र तक बच्चों को भवन तैयार कर पढ़ाई शुरू करा दी जाएगी।



-नागेंद्र सरोज, खंड शिक्षा अधिकारी



जंगल विभाग से एनओसी नहीं मिलने से स्कूल नहीं बन सका। अब विभाग की ओर से एनओसी मिल गई है। खंड शिक्षाधिकारी नागेंद्र सरोज को भवन निर्माण को सामग्री गिराने का निर्देश दिया गया है।



सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए