संस्कृत विद्यालयों को मिलेंगे 800 ज्यादा शिक्षक, नई स्थायी भर्ती न होने पर शासन को भेजा प्रस्ताव


संस्कृत विद्यालयों को मिलेंगे 800 ज्यादा शिक्षक

• नई स्थायी भर्ती न होने पर उप शिक्षा निदेशक संस्कृत ने शासन को भेजा प्रस्ताव

• इसके पहले मानदेय पर संस्कृत विद्यालयों में 518 शिक्षकों की गई थी नियुक्ति


प्रयागराज : संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई सुचारु रखने के लिए स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति होने तक मानदेय पर और शिक्षक नियुक्त करने की तैयारी की गई है। दो वर्ष पूर्व 518 संस्कृत शिक्षकों को मानदेय पर नियुक्ति दी गई थी। इन शिक्षकों के सेवा विस्तार का प्रस्ताव भी शासन को भेजा गया है। इसके साथ ही शिक्षकों के रिक्त और पदों को भरने के लिए मानदेय पर आठ सौ से ज्यादा नए शिक्षकों को नियुक्त किए जाने का प्रस्ताव उप शिक्षा निदेशक संस्कृत सीएल चौरसिया की और से शासन में पहुंच गया है । यह तैनाती स्थायी शिक्षक नियुक्त होने तक या अधिकतम दो वर्ष के लिए की जाएगी।


संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से कराए जाने की योजना पूर्व में तैयार की गई थी। इसका प्रस्ताव चयन बोर्ड की ओर से शासन को भेजा गया था, लेकिन वर्तमान में चयन बोर्ड में चेयरमैन व सदस्य नहीं होने से योजना ठंडे बस्ते में पड़ी है। इधर, प्रदेश भर में संचालित 1240 संस्कृत विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए स्थायी शिक्षकों की भर्ती न होने पर वर्ष 2021 में 518 शिक्षकों की नियुक्ति मानदेय पर की गई थी। इसमें पूर्व मध्यमा (हाईस्कूल) के शिक्षकों का मानदेय 12,000 एवं उत्तर मध्यमा (इंटर) के शिक्षकों का मानदेय 15,000 रुपये निर्धारित किया गया था। इन शिक्षकों का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने को देखते हुए इनके सेवा विस्तार का प्रस्ताव शासन में विचाराधीन है। इसके बावजूद कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए आठ सौ ज्यादा और शिक्षकों को मानदेय पर रखे जाने की योजना बनाई गई है। शासन से मंजूरी मिलते ही इन शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया जल्द पूरी कराई जाएगी, ताकि संस्कृत विद्यालयों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा विद्यार्थियों को दी जा सके।


इस सत्र में भी मानदेय पर रखे जाएंगे 850 संस्कृत शिक्षक


प्रयागराज :  प्रदेश के सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति फंसने के कारण इस सत्र में भी 850 शिक्षकों को नितांत अस्थायी तौर पर मानदेय पर रखने की तैयारी है। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेन्द्र देव की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इन शिक्षकों के मानदेय पर एक वर्ष में 15 करोड़ से अधिक का खर्च होने का अनुमान है।






सरकार ने 13 मार्च 2018 को 2009 की नियमावली में संशोधन करते हुए सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का अधिकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को दे दिया था। चयन बोर्ड ने 30 सितंबर 2022 की सूचना से अवगत कराया कि चयन बोर्ड की नियमावली में संशोधन न होने के कारण ऑनलाइन अधियाचन नहीं लिया जा रहा है। 


वैसे भी अब जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में भर्ती के लिए ह्यउत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोगह्ण के गठन के निर्देश दिए हैं तो चयन बोर्ड को नियुक्ति का अधिकार देना संभव नहीं दिख रहा। ऐसे में यदि संस्कृत विद्यालयों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती तो कई स्कूलों में ताले पड़ने की नौबत पैदा हो जाएगी। पहले भी शिक्षकों की मानदेय पर नियुक्ति की गई थी और वर्तमान में 480 उत्तर मध्यमा (12वीं स्तर तक) और 38 पूर्व मध्यमा (10वीं) स्तर के शिक्षक कार्यरत हैं।