प्रशंसनीय: अपनों का दर्द बांटने का यूपी के इन शिक्षकों ने खोजा अपना ही तरीका, एक करोड़ तक कर सकेंगे मदद, बना दिया कीर्तिमान

 

Teachers Self Care Team: कोई मुसीबत आ जाए तो अपने दुख बांटने को खड़े हो जाते हैं। मदद करते हैं। लेकिन खून का रिश्ता न हो, मोहल्लेदारी भी न हो.. बस संगठन का नाता हो और मृत्यु के बाद परिवार को 50 लाख रुपये मिल जाएं... यह बेमिसाल है। कई बार तो सरकारें भी इतनी मदद नहीं कर पातीं। शिक्षकों के एक संगठन ने यह मिसाल पेश की है जिसे हर तरफ सराहना मिल रही है। संगठन ने अपने तीन साथियों की मृत्यु के बाद उनके परिजनों को  49 लाख और एक परिवार को 50 लाख रुपए की मदद की है। 




टीचर्स सेल्फ केयर टीम नई पेंशन योजना धारकों का एक ऐसा संगठन है जिसमें परिषदीय और माध्यमिक के शिक्षक जुड़े हैं। इनसे कोई सदस्यता शुल्क आदि नहीं लिया जाता है। यदि किसी सदस्य की सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो दिवंगत शिक्षक के परिवार के किसी एक सदस्य की खाता संख्या ग्रुप में डाल दी जाती है। इस खाते में सदस्यों को 50 रुपये का सहयोग करना होता है। यह भी अनिवार्य नहीं स्वैच्छिक है।


तीन साल पहले बना था संगठन

जुलाई 2020 में यह संगठन अस्तित्व में आया था। जिस समय कोरोना के कारण अधिक मृत्यु हो रही थीं और ऐसे में परिवारों के सामने बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो रहा था। तब शिक्षकों ने पहल करते हुए एक ऐसा संगठन खड़ा कर दिया जिसने, दिवंगत सहयोगी शिक्षकों के परिजनों को लाखों रुपये की आर्थिक मदद कर दी। शुरुआत व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया का उपयोग कर हुई। वर्तमान में 1.23 लाख सदस्य इस संगठन से जुड़ चुके हैं। 



अब तक 28 करोड़ से की मदद

कानपुर यूनिट के प्रभारी सुनील कुमार वर्मा ने संगठन के काम की विस्तृत रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार यह संगठन अब तक दिवंगत 123 शिक्षकों के परिवार जनों की आर्थिक मदद कर चुका है। उन्होंने बताया कि जब यह संगठन अस्तित्व में आया तब पहली बार दिवंगत शिक्षक के परिवार को नौ लाख की आर्थिक सहायता मिल पाई थी। अब तक 28 करोड़ की धनराशि दिवंगत शिक्षकों के परिजनों को दी जा चुकी है।


पहली बार 50 लाख तक की मदद 

पहली बार दिवंगत शिक्षकों के लिए केवल 10 दिन में साथी शिक्षकों ने इतनी बड़ी आर्थिक मदद कर दी। अगस्त माह में चार दिवंगत शिक्षकों स्व. अनिल कुमार यादव (इटावा) के परिजनों को 49,79,918 रुपये, स्व. गेंदा सिंह (संभल) के परिजनों को 50,19,670 रुपये, स्व. अरविन्द कुमार (हापुड़) के परिजनों को 48,90,027 और  स्व. आशा राय (मऊ) के परिजनों को 49,51,676 रुपये से ऑनलाइन  सहयोग किया गया।



एक करोड़ तक कर सकेंगे मदद

प्रभारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि भविष्य में इस संगठन से 10 लाख सदस्यों को जोड़ने की तैयारी है। तब सहयोगी शिक्षकों को मात्र 10 रुपये ऑनलाइन सहयोग के रूप में देने होंगे। इससे परिवारों की सहयोग धनराशि 50 लाख से 01करोड़ तक हो जाएगी। सदस्य अनुरुद्ध तिवारी ने बताया कि पूर्व में कानपुर में दिवंगत हुए शिक्षकों के परिजनों की भी आर्थिक मदद की जा चुकी है। अब संगठन राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बड़ी पहचान बनाने की तैयारी में है।

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