परिषदीय बच्चों को पैसे मिलने पर भी नहीं लिए ड्रेस-बैग, अब होगा हिसाब


बरेली मंडल और खीरी के लगभग 14 लाख छात्र-छात्राओं को शासन ने जुलाई में डीबीटी के तहत 1200-1200 रुपये भेजे थे।।अभी भी अधिकांश विद्यार्थी बिना ड्रेस और बैग के ही स्कूल आ रहे हैं। स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी किया है कि वो ड्रेस और बैग लेकर स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या गिनकर सूचना दें। अभिभावकों को खरीदारी के लिए प्रेरित करें। प्रदेश सरकार ने 19 जुलाई को बरेली मंडल और खीरी के करीब 14 लाख छात्रों को पैसा भेज दिया था।

ड्रेस, स्कूल बैग, जूते-मोजे आदि लेने के लिए छात्रों के अभिभावकों के खाते में 1200-1200 रुपये भेजे गए थे। लगभग डेढ़ महीने के बाद भी स्कूलों में ड्रेस पहनकर आने वाले छात्रों की संख्या बेहद कम नजर आ रही है। इस ़फीडबैक के आधार पर स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने सभी डायट प्रधानाचार्य, बीएसए, डायट मेंटर, बीईओ, डीटीएफ और बीटीएफ के सदस्य, डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, एसआरजी, एआरपी आदि को निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के निरीक्षण/भ्रमण के दौरान कुल नामांकन, बच्चों की औसत उपस्थिति, कितने प्रतिशत बच्चे स्कूल यूनिफॉर्म में है, कितने प्रतिशत बच्चों के पास स्कूल बैग है का आंकड़ा भी एकत्र करें। तत्काल इसकी सूचना व्हाट्सएप्प ग्रुप के माध्यम से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।



● डेढ़ महीने के बाद भी स्कूलों में ड्रेस में आने वाले छात्रों की संख्या बेहद कम

● ड्रेस, स्कूल बैग, जूते-मोजे आदि को दिए गए थे 1200-1200 रुपये


ड्रेस-बैग लेने को कर रहे प्रेरित
एडी बेसिक विनय कुमार ने बताया कि विद्यालयों में बच्चों को यूनिफॉर्म, स्कूल बैग के साथ आने को प्रेरित किया जा रहा है। जिन अभिभावकों के खाते में डीबीटी से पैसा पहुंचा है, उन्हें तत्काल ड्रेस, बैग आदि खरीदने को कहा जा रहा है। निरीक्षण के दौरान ऐसे बच्चों की संख्या ली जाएगी, जिनके पास ड्रेस-बैग है।