फतेहपुर) शासन के आदेश पर ऐसे परिषदीय स्कूलों का विलय प्रारंभ= किया गया है, जिनमें छात्र संख्या 50 से कम है। जिले भर में अब तक 114 स्कूलों का विलय किया जा चुका है। गुरुवार को भिटौरा ब्लाक के भटपुरवा गांव में तब हंगाता शुरू हो गया, जब विद्यालय के शिक्षक अपनी सामग्री लेने के लिए
आए। ग्रामीणों ने उन्हें गेट के अंदर बंद कर दिया। हंगामा करते हुए गांव में ही स्कूल रखने की मांग करने लगे। हालांकि बाद में प्राथमिक शिक्षक संघ भिटौरा के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह वहां आए और उन्हें समझाया। उसके बाद ग्रामीणों में गेट का ताला खोलकर शिक्षकों को मुक्त किया।
भटपुरवा स्कूल में 18 छात्र-छात्राओं को दाखिला होने की वजह से प्राथमिक विद्यालय नारायण पुरवा में विलय कर दिया गया है। ग्रामीण अपने बच्चों को नारायण पुरवा स्थित प्राथमिक विद्यालय नहीं भेज रहे हैं। उनका आरोप है कि गांव से नारायण पुरवा की दूरी साढ़े तीन किलोमीटर है, जबकि पहले गांव में ही स्कूल की सुविधा थी। उसे अधिकारी जबरन हटाने के लिए आमदा हैं। सरकार
अगर विलय वापस नहीं लेगी तो वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं भेजेंगे। विरोध प्रदर्शन में नरेश कुमार, गिरजाशंकर, शादिक अली समेत अन्य ग्रामीण भी शामिल रहे।
बता दें कि भटपुरवा स्कूल में
प्रभारी प्रधानाध्यापक साधना सोनी और सहायक अध्यापक शरद यादव तैनात थे। स्कूल के बच्चों समेत दोनों शिक्षकों को भी विलय वाले स्कूल भेज दिया गया है। गुरुवार को शिक्षक जब अपना सामान लेने आए तो ग्रामीण हंगामा करने लगे। बेसिक
ग्रामीणों से वार्ता, स्कूल में चलेगी बाल वाटिका-एडीएम, फतेहपुरः भटपुरवा गांव में सुबह ग्रामीणों के हंगामा के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया। डीएम व सीडीओ ने प्रकरण का संज्ञान लिया। दोपहर में खंड शिक्षा अधिकारी दीप्ती रिछारिया ने ग्रामीणों से वार्ता की। दोपहर के बाद बीएसए भारती त्रिपाठी ने ग्रामीणों को समझाने पहुंचीं। हालांकि जब ग्रामीण नहीं माने तो एडीएम अविनाश त्रिपाठी भी वार्ता में शामिल हुए। उन्होंने भरोसा दिया कि गांव का स्कूल खत्म नहीं होगा बल्कि इसी इमारत पर बाल वाटिका संचालित की जाएगी। उसमें तीन से छह वर्ष के छोटे बच्चों को शिक्षा दी जाएगी। विलय के तहत स्कूल के पढ़ने वाले 18 बच्चे नारायण पुरवा स्कूल जाएंगे और शिक्षकों को भी उसी स्कूल में जाना होगा।
शिक्षा अधिकारी भारती त्रिपाठी ने बताया कि स्कूलों का विलय शासन का निर्णय है, जिसका अनुपालन कराया जा रहा है। ग्रामीणों को दिक्कत हो रही है, इसलिए विरोध कर रहे हैं।