27 July 2025

स्कूलों की दीवारों में दरारें, दहशत में बच्चे-शिक्षक: बेसिक स्कूलों का प्लास्टर गिरने और छत टपकने से आफत, राजस्थान की घटना के बाद बीएसए ने बीईओ और स्कूलों को जारी किए नोटिस

 लखनऊ। शहर व ग्रामीण क्षेत्र में 40 से अधिक प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल जर्जर भवनों में संचालित हो रहे हैं। कमरों की दीवारों और छतों में दरारें पड़ गई हैं। फर्श खराब हैं। जगह-जगह से प्लास्टर गिर रहा है। बारिश में छतों और दीवारों से पानी टपक रहा है। कमरों के भीतर सीलन आ गई है। राजस्थान के एक सरकारी स्कूल का भवन ढहने की घटना से बच्चे और शिक्षक और भी दहशत में आ गए हैं। अभिभावक भी काफी परेशान हैं। शनिवार को स्कूलों के शिक्षकों ने खण्ड शिक्षा अधिकारी से लेकर बीएसए कार्यालय में जर्जर स्कूलों की शिकायतें दर्ज कराईं।


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लखनऊ में 1618 प्राइमरी स्कूल संचालित हो रहे हैं। इनमें 169 स्कूलों का नजदीकी स्कूलों में विलय किया गया है। मौजूदा समय में करीब एक लाख 70 हजार बच्चे इन स्कूलों में पंजीकृत हैं। बीकेटी के 17 और मॉल क्षेत्र के 23 स्कूल के जर्जर भवन की सूची वर्ष 2023 में क्षेत्रीय खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने बीएसए कार्यालय को मुहैया कराई थी। रिपोर्ट में कहा था कि इन स्कूलों के भवन जर्जर हो गए हैं। इनमें कभी भी कोई हादसा हो सकता है।


जर्जर भवन खतरा बने : कई स्कूलों के नए भवन बन गए हैं, लेकिन उसी परिसर में पुराना जर्जर भवन नहीं ढहाया गया है। एक ही परिसर होने की वजह से बच्चे खेलते हैं और आते-जाते रहते हैं। ऐसे में ये जर्जर भवन भी हादसे का खतरा बने हुए हैं। इस तरह के जर्जर भवन हर ब्लॉक व जोन में स्थित हैं। स्कूलों की ओर से इन्हें गिराने के लिए लिखा गया है, लेकिन अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं गया है।


जर्जर कमरों में बच्चों काे न बैठाने का अादेश


राजस्थान में सरकारी स्कूल भवन ढहने से सात बच्चों की मौत और दो दर्जन से अधिक घायल होने की घटना के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी हरकत में आए। बीएसए राम प्रवेश ने शुक्रवार शाम खण्ड शिक्षा अधिकारियों के नाम एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा है कि बारिश शुरू हो चुकी है। विद्यार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर जर्जर या कमजोर कमरे में बच्चों को न बैठाएं। जर्जर भवनों में कोई गतिविधि न संचालित करें। नगर और ग्रामीण क्षेत्र के बीईओ को निर्देशित किया है कि वे स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से बात कर इसका पालन सुनिश्चित कराएं। जर्जर स्कूलों के सम्बंध में बीएसए राम प्रवेश को मोबाइल पर कई बार संपर्क किया गया और उन्हें मैसेज भी किया गया। उन्होंने मैसेज पढ़ लिया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया।



● प्राथमिक विद्यालय पारा भदराही, माल


● अपर प्राइमरी सस्पन माल


● अपर प्राइमरी पतौनाप्राइमरी स्कूल अमृतखेड़ा, माल


● प्राइमरी स्कूल तिलन माल


● प्राइमरी स्कूल रहमानपुर के एक कमरे की दीवार बहुत चटक गई। दूसरे कमरों का प्लास्टर गिर रहा है।


● प्राइमरी स्कूल हसेमऊ का भवन 35 वर्ष से अधिक पुराना है। जर्जर दीवार और छत से प्लास्टर गिर रहा है।


● प्राइमरी स्कूल तिवारीपुर में स्कूल के कमरों की दीवारों में दरारें हैं। प्लास्टर गिर रहा है।


● प्राइमरी स्कूल सैदापुर प्रथम, चिनहट


● प्राइमरी स्कूल मल्हौर प्रथम, चिनहट


● प्राइमरी स्कूल कल्ली पूरब में पुराने दो कमरे और किचन जर्जर है


● प्राइमरी स्कूल सादुल्लाखेड़ा का भवन जर्जर है


● प्राथमिक विद्यालय गुमानी खेड़ा


● प्राइमरी स्कूल में रतनपुर मोहनलालगंज में दो कमरे जर्जर हैं।


● प्राइमरी स्कूल उत्तरधौना-1, चिनहट 1993 का बना हुआ है। सभी कमरे जर्जर हैं।


● प्राइमरी स्कूल गडरियन खेड़ा, सरोजनीनगर के कमरे जर्जर हैं।


● प्राथमिक विद्यालय मल्हौर-2, चिनहट में दो अतिरिक्त कमरों की छत और फर्श खराब हो गई है।


● प्राथमिक विद्यालय छेदा का पुरवा, चिनहट में एक अतिरिक्त कक्षा, एवं रसोई घर जर्जर है


चारबाग स्थित लोकमानगंज प्राइमरी स्कूल में बने पांच कमरे में से चार जर्जर हैं। दीवार और छत से प्लास्टर गिर रहा है। शिक्षकों ने इन चारों कमरों को बंद करा दिया है। स्कूल में पंजीकृत 12 बच्चे कार्यालय में बैठ कर पढ़ाई करते हैं। स्कूल के नीचे नगर निगम का कार्यालय और रैनबसेरा संचालित हो रहा है। खण्ड शिक्षा अधिकारी कई बार जर्जर भवन व अवैध कब्जे की शिकायत कर चुके हैं।


माल स्थित प्राइमरी स्कूल खंडसरा का भवन जर्जर है। यहां एक हफ्ता पहले बच्चों की छुट्टी के बाद बरामदे के काफी हिस्से का प्लास्टर गिर गया था। कई ईंटें भी गिरी थीं। बरामदे से सटे कमरे में कक्षाएं चलती हैं। स्कूल में कक्षा एक से आठ तक के 200 से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। घटना के अगले दिन प्रधानाध्यापक की शिकायत पर बीईओ स्कूल पहुंचे। जर्जर भवन की रिपोर्ट बनाकर बीएसए कार्यालय को भेजी है।


काकोरी ब्लॉक स्थित प्राइमरी स्कूल मदेयगंज (पक्का बाग) की दीवारों में दरारें हैं। सरिया बाहर निकल आयी हैं। शौचालय की छत नहीं है। एक वर्ष पहले स्कूल का एक तरफ का हिस्सा ढह गया था। दोबारा बनाना तो दूर मलबा अभी तक नहीं उठाया गया है। प्रभारी प्रधानाध्यापक कई बार शिकायत कर चुकी हैं।