अब राजकीय माध्यमिक स्कूलों के छात्रों को 210 घंटे का कौशल प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। जिसमें 150 घंटे मुख्य ट्रेड में प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं 30 घंटे सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग और 30 घंटे इंडस्ट्री विजिट के होंगे। अब इन दोनों को ही कौशल प्रशिक्षण में अनिवार्य कर दिया गया है। प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत माध्यमिक स्कूलों में दिए जा रहे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। अभी तक 400 घंटे का कौशल प्रशिक्षण एक वर्ष में पूरा करना होता था। अब 190 घंटे कम कर दिए गए हैं।
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उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के मिशन निदेशक पुल्कित खरे की अध्यक्षता में गुरुवार को वर्चुअल बैठक में यह निर्णय लिया गया। जिसमें सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ एवं उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में तय हुआ कि वर्ष 2025-26 से ही विद्यार्थियों को अब 30 घंटे की सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग में इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स, टाइम मैनेजमेंट व बॉयोडाटा तैयार करना सिखाया जाएगा।
वहीं साल भर में 30 घंटे छात्रों को विभिन्न उद्योगों का भ्रमण अनिवार्य रूप से कराना होगा। उद्योग भ्रमण के दौरान सेल्फी लेकर भेजनी होगी। तभी ट्रेनिंग पार्टनर को प्रशिक्षण की धनराशि दी जाएगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि अभी कक्षा नौ से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट प्रवीण के तहत एक वर्ष में 400 घंटे का कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। नियमित शिक्षा के साथ 400 घंटे के इस कौशल प्रशिक्षण को पूरा करना विद्यार्थियों के लिए आसान नहीं होता। परीक्षाएं, गर्मी व ठंड की छुट्टियों के अलावा अन्य अवकाश के चलते कौशल प्रशिक्षण के निर्धारित घंटे का प्रशिक्षण छात्र पूरा नहीं कर पाते।
720 दिव्यांगों को दिलाया रोजगार
दिव्यांग युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए अभियान चलाया गया। जिसमें 720 दिव्यांगों को रोजगार का अवसर दिलाया गया। 518 को प्रतिष्ठित कंपनियों में रोजगार मिला। कौशल विकास के मिशन निदेशक पुल्कित खरे ने बताया कि बैंकिंग, टेलीकॉम इत्यादि की कंपनियों ने युवाओं को 11 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये मासिक मानदेय पर काम मिला।
अब एक हजार स्कूलों में चलेगा प्रोजेक्ट
अभी 500 राजकीय माध्यमिक स्कूलों में प्रोजेक्ट प्रवीण चलाया जा रहा है। अब विद्यालयों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाएगी और यह बढ़कर एक हजार होगी। जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी इस कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठा सकें। आगे ज्यादा से ज्यादा माध्यमिक स्कूलों में रोजगारोन्मुखी शिक्षा व व्यावहारिक अनुभव दिलाने पर जोर होगा।