बागपत। विद्यालयों के विलय होने के विरोध में आम आदमी पार्टी, सपा व भाकियू नेताओं ने सोमवार को कलक्ट्रेट में पहुंचकर जुलूस निकाला और वहां धरना भी दिया। उन्होंने प्रदेश सरकार पर बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का आरोप लगाते हुए डीएम अस्मिता लाल को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर स्कूल विलय का फैसला निरस्त करने की मांग की।
आप के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक सोमेंद्र ढाका ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार विद्यालयों का विलय कर बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है। बच्चों की शिक्षा पर ध्यान न देकर शराब के ठेके खोले जा रहे हैं, जो गरीब बच्चाें के साथ अन्याय है। प्रदेश सरकार ने यदि जल्द ही विद्यालयों के विलय करने का निर्णय वापस नहीं लिया तो 16 अगस्त से आंदाेलन शुरू किया जाएगा। भाकियू जिलाध्यक्ष प्रताप गुर्जर ने कहा कि विद्यालयों का विलय नहीं होने देंगे और 16 अगस्त को बीएसए कार्यालय पर तालाबंदी कर गरीब बच्चों की आवाज को उठाने का कार्य किया जाएगा। यदि फिर भी प्रदेश सरकार नहीं जागी तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा। भाकियू ने हमेशा गरीबों, किसानों व मजदूरों की आवाज उठाने का कार्य किया है। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बिल्लू प्रधान ने कहा कि भाजपा ने हमेशा से गरीबों की शिक्षा से खिलवाड़ किया है। सरकार को विद्यालयों का विलय न करके वहां की शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना चाहिए था। इससे बच्चे शिक्षा से वंचित होंगे। साथ ही युवाओं का शिक्षक बनने का सपना भी टूट जाएगा। लोगों ने डीएम अस्मिता लाल को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी कि यदि 15 अगस्त तक निर्णय वापस नहीं हुआ तो अभिभावकों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन होगा। इस दौरान ओमबीर तोमर, ब्रह्मपाल सिंह धामा, सचिन तोमर, संसार सिंह, देव प्रधान, भोपाल सिंह पंवार, याकूब अली, साहब सिंह, शेखर दांगी आदि मौजूद रहे।
-रालोद के पूर्व विधायक भी धरने के बीच पहुंचे
रालोद के पूर्व विधायक वीरपाल राठी भी सोमवार को किसी काम से कलक्ट्रेट में पहुंचे तो धरने पर बैठे लोगों को देखकर उनके बीच पहुंच गए। पूर्व विधायक ने भी माइक थाम लिया और कहा कि इस मामले में रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने सीएम से बातचीत की है। इस मामले में दोबारा उनसे मिला जाएगा और सीएम से बातचीत करने के लिए कहा जाएगा। वहीं रालोद के पूर्व विधायक का धरने पर जाना सभी जगह चर्चा का विषय बना रहा।