राज्य सरकार ने पारिवारिक (पैतृक) संपत्तियों का बंटवारा करना आसान कर दिया है। ऐसी संपत्तियों को 5000 रुपये स्टांप शुल्क और 5000 रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क यानी 10 हजार रुपये देकर पंजीकृत बंटवारा किया जा सकेगा। अभी तक ऐसी संपत्तियों के बंटवारे पर कुल कीमत का पांच प्रतिशत देना होता था। इसमें चार प्रतिशत स्टांप व एक प्रतिशत शुल्क देना होता था।
मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। राज्य सरकार के इस फैसले से 5.58 करोड़ स्टांप शुल्क और 80.67 लाख रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क का नुकसान होगा। स्टांप तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि प्रदेश में पारिवारिक संपत्तियों के बंटवारे को लेकर आए दिन विवाद की बातें सामने आ रही थीं। उत्तर प्रदेश राज्य एक लोक कल्याणकारी राज्य है तथा देश का सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य भी है। प्रदेश में बड़ी संख्या में जनसामान्य के पास संयुक्त/अविभाजित संपत्तियां हैं।