03 September 2025

टीईटी अनिवार्यता वाले के आदेश की मूल जड़

टीईटी अनिवार्यता वाले के आदेश की मूल जड़


9 अगस्त 2017 को बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2017 (2017 का अधिनियम 24) लागू हुआ, जिसने आरटीई अधिनियम, 2009 में संशोधन किए। 


इस संशोधन का मुख्य प्रावधान यह था कि सभी सेवारत शिक्षकों को 31 मार्च, 2019 तक अपनी न्यूनतम व्यावसायिक योग्यता हासिल करनी होगी, जिसके लिए राज्य सरकारें फंडिंग की व्यवस्था करती हैं। 


*संशोधन के मुख्य बिंदु:*


सेवारत शिक्षकों की योग्यता:


आरटीई अधिनियम की धारा 23 के तहत, सभी सेवारत शिक्षकों को 31 मार्च, 2019 तक अपनी न्यूनतम व्यावसायिक योग्यता प्राप्त करनी थी। 


*प्रशिक्षण का खर्च:*


इस प्रशिक्षण से जुड़े खर्चों का वहन 'सर्वशिक्षा अभियान' के तहत किया जाता, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने अनुपात में योगदान देतीं। 


*अधिनियम का नाम:*


इस संशोधन के बाद, इसे बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2017 के नाम से जाना गया।