नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2020 की 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने कहा, हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता।
हाईकोर्ट के आदेश को अंजू त्रिपाठी समेत अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 8 मई, 2025 को फैसले में माना था कि राज्य सरकार को इस भर्ती में ईडब्ल्यूएस को 10 फीसदी आरक्षण देना चाहिए था, पर चूंकि अब सभी पद भर चुके हैं और चयनित शिक्षक कार्यरत हैं, इसलिए किसी भी तरह की व्यावहारिक राहत देना संभव नहीं है।
इससे पहले, हाईकोर्ट की एकल पीठ से भी अभ्यर्थियों को राहत नहीं मिली थी।
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था, 2020 में शिक्षक भर्ती विज्ञापन के समय ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू हो चुका था। इसके बावजूद चयन प्रक्रिया में इसका लाभ नहीं दिया गया, जो असांविधानिक है। ब्यूरो