20 September 2025

पदोन्नति एवं समायोजन प्रकरण : तथ्य और याचिकाएं

 पदोन्नति एवं समायोजन प्रकरण : तथ्य और याचिकाएं



1. दाखिल याचिकाएं

Writ A 523/2024

यह याचिका तब दाखिल की गई जब सरकार TET उत्तीर्ण किए बिना पदोन्नति देने जा रही थी।

न्यायालय ने स्पष्ट निर्देश दिया कि केवल TET उत्तीर्ण शिक्षकों की ही पदोन्नति की जाए और सरकार से जवाब तलब किया।

Writ A 10581/2025

यह याचिका तब दाखिल हुई जब सरकार ने हेडमास्टर (प्राइमरी) को सरप्लस घोषित कर ATUPS पद पर समायोजित कर दिया।

परिणामस्वरूप:

1. हेडमास्टर के पद समाप्त कर दिए गए।

2. ATUPS के पद भी भर दिए गए।

इससे TET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की पदोन्नति के अवसर समाप्त हो गए।

याचिका में हमारी माँगें:

सभी विद्यालयों में हेडमास्टर पद की बहाली।

प्रत्येक कक्षा में न्यूनतम एक शिक्षक की नियुक्ति।

हेडमास्टरों का किया गया समायोजन निरस्त हो।

TET उत्तीर्ण याचियों की पदोन्नति सुनिश्चित की जाए।



2. हमारा पक्ष

हेडमास्टर का पद पहले भी था और RTE लागू होने के बाद भी होना चाहिए। PTR की गलत व्याख्या से इन्हें खत्म करना अनुचित है।

इंचार्ज हेडमास्टर अस्थायी व्यवस्था है, जबकि पदोन्नति स्थायी अधिकार है। इंचार्ज का लाभ कभी भी समाप्त हो सकता है, लेकिन पदोन्नति से स्थायी लाभ व आगे का प्रमोशन दोनों सुनिश्चित होते हैं।



3. पात्रता

प्राथमिक से पदोन्नति हेतु:

5 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण + TET उत्तीर्ण होना आवश्यक।

अपर प्राथमिक (ATUPS) से पदोन्नति हेतु:

3 वर्ष का सेवाकाल पूर्ण होना आवश्यक।

69000 भर्ती वाले शिक्षक (जिनका 5 वर्ष का सेवाकाल पूरा नहीं हुआ है) अभी याचिका से नहीं जुड़ सकते।



4. वरिष्ठता और TET का महत्व

भविष्य में वरिष्ठता सूची में TET का कॉलम होगा।

उदाहरण: यदि सूची में

क्रम संख्या 1 पर गैर-TET

और क्रम संख्या 2 पर TET उत्तीर्ण है,

तो पदोन्नति का अधिकार क्रम संख्या 2 वाले को ही मिलेगा।



5. क्यों जुड़ें हमारे साथ?

प्रदेश में कई संगठन हैं, लेकिन वे केवल चंदा लेते हैं और औपचारिक धरना/ज्ञापन देकर रुक जाते हैं। वास्तविक समस्या का हल वहीं मिलता है जहाँ हम सीधे न्यायालय में लड़ाई लड़ते हैं।

हमारी लड़ाई आपकी और हमारी साझा समस्या है। आप सभी के सहयोग से ही अदालत में मजबूती से पक्ष रखा जा सकता है।

पहले भी न्यायालय ने केवल याचियों को अंतरिम राहत दी (जैसे वेतन/इंचार्ज हेड का लाभ), पर अंतिम निर्णय सामान्यत: सभी पर लागू होता है।

इसलिए जो अभी जुड़ेंगे, वे प्रत्यक्ष लाभ भी पाएंगे।



यह लड़ाई सिर्फ कागज़ी नहीं, बल्कि भविष्य की स्थायी पदोन्नति और हक की बहाली के लिए है। 


#rana