03 September 2025

यूपी में आउटसोर्स भर्तियाें के लिए बनेगा सेवा निगम, विभागों में तीन साल के लिए होगी नियुक्ति,ऐसी होगी नई व्यवस्था

 राज्य सरकार ने आउटसोर्सिंग सेवाओं को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और जवाबदेह बनाने के लिए कंपनीज एक्ट-2013 के सेक्शन-8 के तहत ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड’ के गठन को मंजूरी दे दी ।



यह एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी होगी, जो नान-प्रॉफिटेबल संस्था के रूप में संचालित होगी। इसके जरिए अब आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विभाग नहीं, बल्कि निगम जेम पोर्टल से एजेंसी चुनेगा। आउटसोर्स कर्मचारियों का चयन तीन वर्ष के लिए होगा और 16 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इस निर्णय से सरकार तय करेगी कि हर कर्मचारी को पूरा हक मिले और भविष्य सुरक्षित रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में मंगलवार को कुल 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।


क्यों जरूरी था निगम का गठन: प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के विभिन्न विभागों और संस्थाओं में लंबे समय से आउटसोर्सिंग एजेंसियों के माध्यम से बड़ी संख्या में कार्मिक सेवाएं प्रदान कर रहे थे। लेकिन, लगातार यह शिकायतें सामने आ रही थीं कि उन्हें सरकार द्वारा स्वीकृत मानदेय का पूरा भुगतान नहीं मिल रहा। इन अनियमितताओं को खत्म करने और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए यह निगम गठित किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि नई व्यवस्था में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक, महिलाओं को नियमानुसार आरक्षण मिलेगा। महिलाओं को मैटरनिटी लीव भी मिलेगी। कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। सेवा के दौरान मृत्यु पर 15 हजार अंतिम संस्कार के लिए मिलेंगे। 



ऐसी होगी नई व्यवस्था

● कर्मचारियों से महीने में 26 दिन सेवा ली जा सकेगी।


● वेतन 1 से 5 तारीख तक सीधे खातों में जाएगा।


● किसी भी अनियमितता पर सेवा तुरंत समाप्त होगी।


● चयन में लिखित परीक्षा और साक्षात्कार का प्रावधान।


● बेहतर गुणवत्ता, योग्य कार्मिकों की नियुक्ति होगी।