14 November 2025

यूपी में 8 साल निकली शिक्षक भर्ती की आयु सीमा में छूट की मांग, कोर्ट ने सरकार

 यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने गरिमा सिंह व 38 अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका पर एडवोकेट संजय यादव व राजेश यादव का कहना था कि आठ साल के बाद भर्ती की जा रही है इसलिए इस दौरान भर्ती से वंचित रह गए अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट दी जाए। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने इससे पहले कई भर्तियों में आयुसीमा में छूट दी है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचियों को प्रत्यावेदन देने और प्राधिकारी को उस पर नियमानुसार यथाशीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया है।




यूपी में डीएलएड अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर, फिर से खुलेगा परीक्षा पोर्टल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को डीएलएड परीक्षा पोर्टल खोलने का निर्देश दिया है। साथ ही उम्मीद जताई है कि अब याची अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की और परेशानी या उत्पीड़न नहीं झेलना पड़ेगा। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने शीतल की अवमानना याचिका पर उनके अधिवक्ता कौन्तेय सिंह व स्थायी अधिवक्ता को सुनकर दिया है। यह आदेश उन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के संबंध में है, जिन्हें पूर्व में परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित किया गया था।


एडवोकेट अधिवक्ता कौन्तेय सिंह के अनुसार कोर्ट ने साक्षी एवं 77 अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था कि ऐसे सभी छात्रों को परीक्षा में सम्मिलित होने का एक और मौका दिया जाए। राज्य सरकार की ओर से अनुपालन हलफनामा दाखिल किया गया लेकिन आदेश का पूर्ण अनुपालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि पोर्टल खोला ही नहीं गया है। स्थायी अधिवक्ता ने बताया कि पोर्टल शीघ्र ही तीन से चार दिन के भीतर खोला जाएगा। इस पर कोर्ट ने उम्मीद जताई कि याची अभ्यर्थियों को किसी प्रकार की और परेशानी या उत्पीड़न नहीं झेलना पड़ेगा। मामले में अगली सुनवाई 15 नवंबर को होगी।


आवेदन की गलती सुधारने का आदेश देने से इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से आयोजित इंस्ट्रक्टर भर्ती परीक्षा में ऑनलाइन आवेदन में की गई गलती सुधारने का आदेश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन में अभ्यर्थी द्वारा की गई लापरवाही को बाद में सुधारने का अवसर दिया गया तो विवादों का पिटारा (पंडोरा बॉक्स) खुल जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने रेखा पाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याची ने 2022 में इंस्ट्रक्टर चयन के लिए आवेदन किया था। उसके पास इंस्ट्रक्टर पद के लिए आवश्यक योग्यता, डिप्लोमा व नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट था। प्रत्येक श्रेणी के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित था।