19 November 2025

एकल विद्यालय disarray by राणा

 

एकल विद्यालय disarray ~ 


अभी हाल ही में समायोजन 3.0 का शिगूफा सरकार लाई है और वास्तविक स्थिति ये है कि ये वाला नियमों पर है UPRTE rules 2011 के rule 21 में जिला-अधिकारी को ही power है PTR की देख रेख और सही करने की और ये भी कि कितनी vacant posts है उनकी जिम्मेदारी और रख- रखाव सभी जिला-अधिकारी के हाथ में है । लेकिन इससे पहले हुए दो समायोजन में centralise करके जो रायता फैलाया है उसका क्या ? इसलिए ही हर एक बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने निकाले गए आदेश के अंत में कह रहे थे कि “उत्तरदायी कौन ?” यहाँ एक बात और बता दूँ कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी या जिला समिति भी किसी शिक्षक को बिना उसकी मर्जी के किसी भी अन्य विद्यालय में समायोजित/स्थानांतरित नहीं कर सकती है । 


सीधी सी बात है पद जो हैं सो हैं लेकिन शिक्षक उतने ही हैं अब उन्हें ही इधर उधर घुमाना बस बाक़ी ठोस जवाब किसी के पास है नहीं और ये सोच रहे थे कि आज के शिक्षक नियम क़ानून जानते नहीं हैं लेकिन जब representation जाता है तो इनके चक्षु खुलते हैं । एकल विद्यालय का concept हो ही नहीं सकता है क्योंकि एकल विद्यालय करके ये हेड की पोस्ट , शिक्षक के मौलिक अधिकार और भी कई चीज़ हैं सभी को दरकिनार कर रहे थे , सोच रहे थे शिक्षा मित्रों को honorarium तो देते ही हैं उससे ही काम चलेगा लेकिन ये नहीं पता था कि शिक्षा मित्र अध्यापक की श्रेणी में नहीं आते हैं । 


वर्तमान सरकार की सबसे गलती है जिला कैडर को लखनऊ केंद्रित करना अब चाहे वो कोई नियुक्ति प्रक्रिया हो या फिर ये समायोजन ये कभी भी NIC या AI से ठीक नहीं होगा और आप देखिए दो नियुक्ति प्रक्रिया हुई हैं 68500 & 69000 उनमें रायता ही इसलिए फैला है क्योंकि जिला कैडर के पदों को आप लखनऊ में बैठकर ठीक नहीं कर सकते हैं अब चाहे वो PTR हो या आरक्षण ? ये बात मैंने कई बार भर्ती प्रक्रिया वालों को भी बताई कि सरकार द्वारा किया गया ये संशोधन कि जो होगा लखनऊ से होगा ये समस्त प्रक्रियाओं की परेशानी का सबब है इसलिए ही MRC जैसा केस इनकी दोनों प्रक्रिया में हुआ है । 


बाक़ी तो देखते हैं हम केवल wait & watch की position में है कि दया के पात्र ये बनेंगे या स्कूल में बैठे बच्चे ? 


#rana