बेसिक शिक्षा के तीन बड़े अफसरों पर तय होगा अवमानना का आरोप, जवाब देने की मिली मोहलत



लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अवमानना वाद से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार, सचिव प्रताप सिंह बघेल व निदेशक सुधा सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इन अफसरों को जवाब देने की मोहलत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को तय की है।

यह आदेश न्यायमूर्ति इरशाद अली की एकल पीठ ने मान्यता प्राप्त टीचर्स एसोसिएशन व अन्य की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचियों की तरफ से अधिवक्ता एलपी मिश्रा एवं रवि कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि इन अफसरों ने न्यायालय के 14 फरवरी 2013 एवं 30 जुलाई 2014 के आदेशों की सीधे तौर पर अनदेखी की है। आरोप लगाया कि इन अफसरों ने जानबूझकर पिछले दस साल से आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं कराया है।


कोर्ट के आदेश के बाद भी याचियों का स्कूलों में नहीं हुआ समायोजन

कोर्ट ने अपने आदेश में चार याचियों (याची संख्या दो से पांच) को बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राइमरी स्कूलों में बतौर सहायक शिक्षक समायोजित करने पर विचार करने के लिए कहा था। राज्य सरकार के अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह एवं पंकज खरे की ओर से कोर्ट को बताया गया कि याचीगण नियुक्ति पाने के हकदार नहीं हैं। जवाब से संतुष्ट न होने पर कोर्ट ने अवमानना आरोप तय करते हुए कहा कि इन अधिकारियों द्वारा जानबूझकर न्यायालय के आदेश को न मानकर कोर्ट की अवमानना की है।


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