अनुदानित विद्यालय बढ़ाएंगे 10 गुना फीस, 15 सालों से नहीं बढ़ी है एडेड विद्यालयों की फीस


लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में 15 साल बाद फीस बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। विद्यालय प्रबंधकों ने इस संबंध में शासन से मुलाकात करके प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव के अनुसार अनुदानित विद्यालयों में 10 गुना फीस बढ़ेगी। इसके पीछे विद्यालय प्रबंधकों ने राजकीय विद्यालयों के बराबर अनुदानित विद्यालयों की फीस होने का तर्क दिया है।

राजधानी में इस समय 100 से अधिक अनुदानित विद्यालयों में 20 हजार के करीब छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। पिछले 15 सालों से हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के छात्रों की फीस 10 से 20 रुपये प्रति महीने की दर से ली जा रही है, जबकि राजकीय विद्यालयों की फीस 50 से 60 रुपये है। राजकीय विद्यालयों की पूरी व्यवस्था शासन के अधीन है, जबकि एडेड विद्यालयों में यह व्यवस्था नहीं है। एडेड विद्यालयों के प्रबंधकों ने राजकीय विद्यालयों की तरह व्यवस्था व फीस किए जाने की मांग की, ताकि प्रबंधन व विद्यालयों की व्यवस्था को मजबूत बनाया जा सके।


राजकीय विद्यालयों की 12 गुना हो चुकी है फीस
विद्यालयों में फीस बढ़ाने की मांग पर शासन से मुलाकात हो चुकी है। 10 गुना फीस बढ़ाने पर मौखिक सहमति भी बनी है। जल्द ही एक प्रस्ताव लाया जाएगा और संभवतः अगले सत्र से फीस बढ़ाई जाएगी।






विद्यालयों में फीस बढ़ाना जरूरी है, क्योंकि पिछले 15 सालों से यही व्यवस्था है, जबकि बोर्ड व राजकीय विद्यालय अपनी फीस 12 गुना बढ़ा चुके हैं। - अरविंद कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष, एडेड विद्यालय प्रबंधक सभा राजकीय विद्यालयों में 12 गुना फीस बढ़ाई जा चुकी है। यहां बोर्ड परीक्षा की फीस कई बार बढ़ाई गई, लेकिन एडेड विद्यालयों में लंबे समय से वही फीस है। महंगाई के दौर में विद्यालय की प्रबंधन व्यवस्था चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में फीस बढ़ने से राहत मिलेगी। मनमोहन तिवारी, प्रबंधक एडेड बालिका इंटर कॉलेज, मोतीनगर लखनऊ।