तैयारी: जिलों में भी लागू होगी ई-ऑफिस प्रणाली, जानिए आख़िरकार क्या है ई-ऑफिस


प्रदेश सरकार राज्य भर में सभी सरकारी कामकाज को पूरी तरह ई-ऑफिस के जरिए करने की तैयारी में है। इसलिए शासन स्तर पर यह व्यवस्था लागू होने के बाद निगाह अब जिलों व मंडलों में स्थित सरकारी दफ्तरों पर है। इसके अब जिलों में सरकारी काम में तेजी आएगी और पारदर्शिता के साथ काम होगा। भ्रष्टाचार पर भी रोकथाम हो सकेगी।

हाल में कन्नौज जिले में पूरी तरह ई-ऑफिस लागू हो चुका है और उसी हिसाब से वहां कार्यालयों में फाइलों का मूवमेंट हो रहा है। अब जिलों में सभी कर्मचारियों के ई-मेल आईडी जनरेट कराने का काम शुरू होगा। उसके बाद उनका प्रशिक्षण होगा। इसके अलावा मंडल स्तर पर काम कर रहे सभी सरकारी विभागों में भी यही व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। इससे एक तरह से सरकारी काम में पेपरलेस व्यवस्था लागू होगी।


असल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में पूरे प्रदेश के सभी विभागों, जिलों, मंडलों में ई-आफिस व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए थे। इसके तहत चरणबद्ध तरीके से काम शुरू हुआ। हाल में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने इसे सभी जिलों व मंडलों में लागू करने को कहा है। इससे जिलों के कलेक्ट्रेट व अन्य सरकारी कार्यालयों में पत्रावलियां डिजिटाइज होंगी। इसके जरिए सरकारी कार्मिकों के काम की भी निगरानी होगी।

कहां कौन सी फाइल अटकी है, पता चल जाएगा और देरी की जिम्मेदारी व जबावदेही भी तय हो जाएगी। डीएम किसी भी पत्रावली की मानटरिंग कर सकेंगे और इससे जिलों से शासन को जाने वाली पत्रावलियों का काम तेजी से होगा।


विभागाध्यक्ष कार्यालयों में अब तक 46 में लागू

सचिवालय के 93 विभागों में शत-प्रतिशत ई-ऑफिस व्यवस्था लागू हो चुकी है। खास बात इसके जरिए अब तक 86.54 फाइल जारी हो चुकी है। 150 विभागाध्यक्ष कार्यालय में 46 में लागू हो चुका है और इसी हिसाब से काम हो रहा है लेकिन बाकी 104 में अभी लागू नहीं हो पाया। 46 कार्यालयों में 21229 फाइल बनी हैं। पुलिस से जड़े 90 कार्यालयों व विभागों में केवल 35 में ही यह व्यवस्था लागू हो पाई है। 18 पर काम हो रहा है। अब तक 8181 फाइल जारी हो चुकी हैं। अभी मंडल स्तर यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है।


क्या है ई-ऑफिस

ई-ऑफिस यह एक सरलीकृत, जवाबदेह और पारदर्शी कार्यप्रणाली प्राप्त करने का माध्यम है। ई-ऑफिस की गति और दक्षता विभागों को सूचित और त्वरित निर्णय लेने में सहायता करती है। इससे सिस्टम के जरिए सरकारी काम में वक्त की बचत होगी।