प्रतापगढ़। महिला बीएड प्रशिक्षुओं को मातृत्व और बाल्य देखभाल अवकाश अध्ययन के दौरान मिल सकेगा। अवकाश पूरा होने के बाद उनकी परीक्षा कराई जाएगी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य विश्वविद्यालय ने सभी कॉलेजों को नियम जारी कर दिया है।
उच्च न्यायालय में चल रहे मंजू यादव की याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) विश्वविद्यालय को मातृत्व और बाल्य देखभाल अवकाश प्राप्त करने वाले प्रशिक्षुओं को बीएड पाठ्यक्रम पूर्ण किए जाने की अवधि के अतिरिक्त एनसीटीई में दी गई व्यवस्था के अनुरूप छूट दिए जाने का आदेश दिया है.
कुलसचिव संजय कुमार ने कॉलेजों को जारी किए गए पत्र में बताया कि बीएड कार्यक्रम दो शैक्षणिक वर्ष की अवधि को होगा। प्रवेश तिथि से अधिकतम तीन वर्षों में पूरा किया जा सकता है। ऐसे मामले में जहां तीन वर्षों में चार सेमेस्टर में से तीन सेमेस्टर पास कर लिए गए है। ऐसे विद्यार्थियों को कुलपति चौथे सेमेस्टर, बैक पेपर और नियमित परीक्षा में केवल एक और अवसर की सिफारिश कर सकते हैं इसके आलावा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार महिला बीएड प्रशिक्षुओं को मातृत्व और बाल्य देखभाल अवकाश भी प्रदान किया जाएगा.