प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में बिजली कनेक्शन दो माह में


राज्य सरकार अगले दो माह में प्रदेश के सभी विद्यालयों में बिजली पहुंचाएगी। सरकार ने इसके लिए दिसम्बर के अन्त तक सभी स्कूलों के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है ताकि अगले वर्ष मार्च तक प्रदेश के प्रत्येक स्कूल में स्मार्ट क्लास शुरू किया जा सके। बिना बिजली वाले स्कूलों का युद्ध स्तर पर विद्युत कनेक्शन हो इस बाबत उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन लिमिटेड, समग्र शिक्षा एवं बेसिक शिक्षा विभाग एक साथ मिलकर संयुक्त अभियान चलाएंगे।

वर्तमान में प्रदेश में कुल 14,630 प्राइमरी स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है। इसका नतीजा यह है कि सैकड़ों स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू नहीं हो सके हैं जबकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रत्येक विद्यालय में स्मार्ट क्लास होना अनिवार्य है। चूंकि सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में अक्षरश: लागू करने का मन बना चुकी है लिहाजा स्मार्ट क्लास के लिए सबसे जरूरी बिजली का कनेक्शन कराने के काम में जुट गई है। ‘झटपट पोर्टल तैयार किया गया है जिस पर स्कूलों की ओर से बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन को तत्काल संज्ञान में लिए जाने की व्यवस्था की गई है ताकि जल्द से जल्द बिना बिजली कनेक्शन वाले स्कूलों में बिजली की आपूर्ति शुरू हो सके.



ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से इसके लिए धन की व्यवस्था कर दी गई है। ग्रामीण क्षेत्र विशेष कर दूर-दराज के स्कूलों में बिजली के पोल से स्कूलों की (40 मीटर से) अधिक दूरी होने की दशा में बिजली के खम्भों की तत्काल अतिरिक्त व्यवस्था के लिए भी पावर कारपोरेशन से अनुरोध किया गया है। प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों के विद्युतीकरण से जुड़े बेसिक शिक्षा विभाग के दस्तावेज बताते हैं कि करीब 3000 स्कूल ऐसे हैं जो दूर-दराज के इलाकों में स्थित है। इनमें आधे से अधिक ऐसे स्कूल हैं, जहां से बिजली के खम्भों की दूरी एक से डेढ़ किलोमीटर है। इसी प्रकार से करीब 123 स्कूल ऐसे हैं, जहां से बिजली के खम्भों की दूरी चार से पांच किलोमीटर तक है। इन स्कूलों में बिजली पहुंचाना सरकार के लिए बड़ा टास्क माना जा रहा है।