बागपत। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में शुक्रवार को बीआरसी पर शिक्षकों ने सांकेतिक धरना दिया। वहां विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति शुरू करने के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम बीईओ को ज्ञापन सौंपा और ऑनलाइन उपस्थिति बहिष्कार करने की चेतावनी दी।
शिक्षकों का कहना है कि शासन स्तर से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के आदेश कर दिए हैं, मगर शिक्षकों पर अपनी आईडी पर सिमकार्ड खरीदकर रिचार्ज कराने का दबाव बनाया जा रहा है। बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने से बाल अधिकार अधिनियम का उल्लंघन हो सकता है, जिसके लिए भी शिक्षकों को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या होने के कारण शिक्षकों को ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। प्रदेश में शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करने के बजाए नई-नई व्यवस्था लागू कर शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है।
पदोन्नति नहीं, वेतन विसंगति बनी हुई
शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश में आठ साल से शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई है और 15 वर्षों से वेतन की विसंगति को दूर नहीं किया गया है। उन्होंने सभी संसाधन उपलब्ध न कराने और शिक्षको की समस्याओं का समाधान न होने तक आदेश का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। उन्होंने निजी मोबाइल में अपलोड कराए गए विभाग के सभी एप को अनइंस्टॉल करने की चेतावनी दी। इस मौके पर पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विकास मलिक, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश यादव, जिलामंत्री राजकुमार शर्मा, नीलम देवी, योगेश शर्मा, तेजपाल सिंह, सीमा, अनुपम आदि शिक्षक और शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
वहीं उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल व पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर बीआरसी बड़ौली व बीआरसी बिनौली पर शिक्षक-शिक्षिकाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने महानिदेशक स्कूल शिक्षा के अव्यवहारिक आदेशों को थोपने और ऑनलाइन उपस्थिति का पुरजोर से विरोध कर बीईओ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
शिक्षकों ने कहा कि ऑनलाइन उपस्थिति के लिए शासन द्वारा वितरित कराए जा रहे टैबलेट में प्रयोग के लिए शिक्षकों से निजी नाम एवं व्यक्तिगत विवरण देकर सिम व डेटा खरीदने का दबाव बनाया रहा है। ऑनलाइन उपस्थिति में बायोमैट्रिक प्रणाली के अंतर्गत फेस रिकगनेशन लागू किया जा रहा है। शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण की प्रक्रिया तथा शिक्षकों की पदोन्नति भी कई वर्षों से लंबित पड़ी है। पुरानी पेंशन, कैशलेश चिकित्सा एवं वेतन विसंगतियों को दूर करने की शिक्षकों द्वारा बार-बार मांग की गई, लेकिन सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
इस दौरान डाॅ. भारत भूषण, जितेन्द्र राठी, सुधीर, पुष्पेन्द्र, प्रदीप तोमर, देवेन्द्र, सुषमा, संदीप पंवार, पूजा चौधरी व बिनौली में विकास मलिक जयवीर सिंह, हरेंद्र कुमार, जितेंद्र तोमर, लोकेश शर्मा, अमित धामा, सुनील कुमार आदि सैकड़ो शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे।