विषय-भीषण गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए 21 मई से 15 जून 2025 तक परिषदीय जूनियर जूनियर हाई स्कूलों में समर कैंप संचालित करने के अव्यवहारिक आदेश को निरस्त करने के सम्बंध में-
महोदय,
अवगत कराना है कि प्रदेश के परिषदीय स्कूल की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक, स्थिति का आंकलन किये बगैर 21 मई से ग्रीष्मावकाश में प्रदेश के जूनियर हाई स्कूलों में समर कैंप चलाये जाने का अव्यवहारिक निर्णय लिया गया है। जबकि इस समय गर्मी के कारण तापमान चरम पर है। परन्तु इतनी भीषण गर्मी होने के बावजूद शीर्ष अधिकारियों को सुविधा विहीन परिषदीय विद्यालयों की स्थितियों का एहसास क्यों नहीं हो रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में दिन के समय बिजली लगभग न के बराबर है। चित्रकूट, सोनभद्र, मिर्जापुर, दिल्ली एन०सी०आर० मध्य उत्तर प्रदेश, पूर्वाचल, बुंदेलखंड में आग बरस रही है। ऐसे में समर कैंप चलाये का निर्णय किसी भी दशा में व्यवहारिक नहीं है। और इनको संचालित करने के लिए अनुदेशक, शिक्षा मित्र भी सहमत नहीं हैं। ऐसे निर्णय लेने से पूर्व विद्यालय स्तर से लेकर शिक्षक प्रतिनिधियों से भी वार्ता कर स्थलीय स्थितियों की जानकारी एवं राय ली जानी चाहिए थी। इन्ही सब नीति गत निर्णयों एवं मनमानी रोकने हेतु 1972 में बेसिक शिक्षा परिषद जैसी संवैधानिक संस्था का गठन सरकार ने किया था। जिसमें दोनों मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के अध्यक्ष सदस्य के रूप में मौजूद हैं। परन्तु अब उस संस्था को बाय पास करके मनमाने निर्णय किये जा रहे हैं। जो कि नियमानुसार नियमों और निर्देशों के विपरीत हैं। समर कैम्प संचालित करने का निर्णय इतनी भीषण गर्मी में उचित नहीं है। इससे सरकार के पैसे का मात्र अपव्यय ही होगा। मेरा सुझाव है कि यह समर कैंप 15 जून 2025 से 30 जून 2025 तक संचालित किए जाएं। इस रास्ते से विद्यालयों में भी माहौल बनेगा।
अतः आपसे अनुरोध है कि अनुदेशको, शिक्षामित्रों तथा शिक्षक संगठन की असहमति को दृषिगल रखते हुए 21 मई से 15 जून तक परिषदीय जूनियर हाई स्कूलों समर कैंप संचालित किए जाने सम्बन्धी आदेश को स्थगित करने का कष्ट करें।