69,000 वालों के लिए कुछ कहने का मन हुआ ~
शरीर नश्वर है परंतु आत्मा नहीं मरती है, अर्जुन तक मोह में फँसा हुआ था लेकिन धर्मयुद्ध के लिए केशव ने उसको समझाया कि यहाँ कोई किसी का नहीं है जैसे आज तुम अपनो के विषय में सोच रहे हो कि ये तुम्हारा भाई है, फ़लाना मामा, फ़लाना सास, फ़लाना पुत्र, फलनी बहन ये सब सांसारिक मोह माया है क्या तुम्हें पिछले जन्म के अपने किसी रिश्ते के विषय में कुछ पता है कि कौन तुम्हारा क्या था, तुमने किसके लिए पाप या पुण्य किया, क्या तुम्हें पता है तुम क्या थे? नहीं, तो इसी प्रकार सोचो जो युद्ध अधर्म का हो उसमें तुम्हें धर्म के साथ लड़ने का मौक़ा मिला है तो सामने खड़े हुए लोगों के विषय में क्यों सोच रहे हो ये सब आत्मा हैं जो धर्म क्षेत्र में मुक्ति देंगे और तुम्हें इसके लिए स्वयं मैंने चुना है, मैं ही हूँ सृष्टि का सृजनकर्ता जो भी है मुझसे है सब जगह मैं हूँ सब प्राणियों में मैं हूँ।
पढ़ा सबने होगा लेकिन अमल किसी ने नहीं किया जब मैं इस बेसिक शिक्षा विभाग में आने के लिए प्रयासरत था तो बहुत लोगों के भरोसे था लेकिन जब देखा कि कोई किसी का नहीं है तो स्वयं से आगे आया और कार्य किया, कार्य अन्य के लिए भी किया परंतु उसमें कई जगह सफल हुआ और कई जगह नहीं भी।
69,000 में ही कई नेता है जब से भर्ती हुई है वो इन 69,000 को अपनी जागीर मानते है लेकिन जो बाहर हो रहे हैं उनके विषय में करने के लिए उनके पास कुछ नही है क्योंकि धर्म यानी law से ऊपर कुछ नही है चाहे सौ निकलें चाहे हज़ार लेकिन अब तय हो गया है कि सरकार के इस क़दम को पिछड़ा वर्ग आगामी सुनवाई में दिखाए और बताए कि अभी हाल फ़िलहाल में ग़लत लोगों को बाहर किया तो इस भर्ती का कोई अस्तित्व नही है सब law abiding है जिसको law से अधिक mercy पर विश्वास है तो सरकार राशन की जगह उनके घर में तनख़्वाह दे दे लेकिन जो as per rule & as per law होना चाहिए उसके साथ इंसाफ़ हो, भविष्य का कोई scope नही है PRT बराबर है इनका और अब से नही तब से है जबसे शिक्षा मित्रों के लिए एक मौक़ा और कहकर गए थे तो क्या भविष्य क्या वर्तमान।
जब मैं कहता था न कि सरकार शुरू से ग़लत है इस भर्ती में तब कोई सुनना नहीं चाहता था एक स्वर में कहते थे कि ये चाहते नहीं भर्ती हो (जानते हुए भी कि भर्ती के जनक हम है) तब नहीं माने तो अब तो सरकार साहिब ख़ुद कह रही है illegal हटाओ तो फिर DB के आदेश में क्या है यही तो है जिसको सरकार कहती फिर रही है I agree but plz listen to me पर आजतक कुछ दाख़िल किया कोर्ट में ?
नहीं क्योंकि कुछ हो तो कहें एकल से खंड पीठ तक तो revisit हो रही है भर्ती लेकिन किसी ने अधिकारी या नेता मंत्री से पूछा कि ये क्यों हो रहा है?
पेट बड़ा पापी होता है समझता हूँ , अभ्यर्थियों की ग़लती नहीं है और मुझे हमदर्दी है लेकिन उनका क्या जिन्हें वाक़ई मिलनी चाहिए थी बोला था लिस्ट में गड़बड़ी है पर जिसको रोटी मिल रही होती है वो गाली देता रहा तो मुझ पर क्या फ़र्क़ पड़ना है देते रहो मेरी तनख़्वाह थोड़े क़म हो जाएगी लेकिन हाँ भर्ती के पाप सामने आ रहे हैं, ख़ैर अभी और भी आगे आएँगे सोचना कभी कि वो जज जो कोलकाता वालों को बाहर कर दिया तो तुम्हारा क्यों नहीं सुन रहा था क्योंकि???????? ख़ैर छोड़ो
आज भी शायद बातें बुरी लगे मेरी तो लगने दो सुबह दो रोटी अधिक खाना और मन ही मन सोचना क्या ग़लत कहा मैंने
#rana